नई दिल्ली । भारत तेजी से स्टार्टअप का हब बनता जा रहा है, जिससे युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, देश में सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप ने अब तक 15.5 लाख से अधिक नौकरियां सृजित की हैं। पिछले एक दशक में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने 1,40,803 स्टार्टअप की पहचान की है।
शहरी एवं ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को मिला रोजगार
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम एंटरप्राइजेज (MSMEs) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) को लागू किया है। इस योजना का उद्देश्य उद्योगपतियों को गैर-कृषि क्षेत्र में नए एंटरप्राइजेज स्थापित करने में सहायता प्रदान करना है। इसके तहत पारंपरिक कारीगरों और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं। इस योजना की शुरुआत से अब तक 9.69 लाख सूक्ष्म एंटरप्राइजेज को 25,500 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जा चुकी है और इन एंटरप्राइजेज ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 79 लाख लोगों को रोजगार दिया है।
Startups में विदेशी फंडिंग बढ़ेगी
मंत्रालय की ओर से अगले दो वित्त वर्ष में (2024-25 और 2025-26) 1.6 लाख नए एंटरप्राइजेज सेटअप करने की योजना बनाई गई है। इससे 12.8 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। बता दें, आम बजट 2024-25 में सरकार ने एंजेल टैक्स को हटा दिया है। इसके हटने से स्टार्टअप में विदेशी फंडिंग बढ़ेगी।
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