नई दिल्ली । पिछले कुछ सालों में देश में पर्यटन क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। इसी साल जनवरी महीने की शुरुआत में लक्षद्वीप को मालदीव से बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर विवाद उठा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उस दौरान उत्तर अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप के लिए कई विकास परियोजनाओं की घोषणा थी। इसके बाद ट्रेवल पोर्टल्स पर लोगों ने लक्षद्वीप को भी खोजना शुरू कर दिया। इन सबके बीच सरकार कई अन्य ऐसे स्थलों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर काम कर रही हैं जहां अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
सर क्रीक और कोरी क्रीक बनेगे पर्यटन हब
इसी परियोजना के तहत गुजरात के कच्छ जिले के सर क्रीक और कोरी क्रीक जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर काम चल रहा है। यह क्षेत्र भारत-पाकिस्तान के बीच 96 किलोमीटर की जल पट्टी है, इसकी जलधारा को मूल रूप से ‘बान गंगा’ कहा जाता है। अब सरकार इस क्षेत्र को व्यापक तौर पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। गुजरात सरकार ने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाने के लिए एक मास्टरप्लान तैयार किया है। पर्यटकों को सांस्कृतिक, प्राकृतिक और रोमांचक अनुभव प्रदान करने के अलावा सरकार का उद्देश्य स्थानीय अर्थव्यस्था को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। इस परियोजना के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार अनुसार एक विशेष पर्यटन क्षेत्र (एसटीजेड) परियोजना के अंतर्गत इस क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। इस इलाके में सर नामक एक मछली पाई जाती है जिसके नाम पर इस क्षेत्र का नाम सर क्रीक पड़ा। यहां के व्यंजन का अपना एक इतिहास रहा है, इसके कारण बड़ी संख्या में अब भी लोग यहां घूमने हैं। सरकार इस क्षेत्र को अब पर्यटन हब के रूप में विकसित करेगी। सूत्रों के अनुसार इन परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार की ओर से भी धन मुहैया कराई जाएगी। जानकार बताते हैं कि इस परियोजना में नारायण सरोवर के तट जो उत्तर में स्थित है, यह पहले से ही धार्मिक पर्यटन स्थल है। कोरी क्रीक पर कोटेश्वर मंदिर पहले से धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। अब इसका विस्तार किया जाना है।
धोलावीरा और शिवराजपुर भी बनेंगे पर्यटन स्थल
सर क्रीक के साथ गुजरात पर्यटन धोलावीरा और शिवराजपुर को विशेष पर्यटन के क्षेत्र में विकिसत करेंगे। इस पूरी परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि यह पर्यटन स्थल सीमावर्ती इलाके में है इसलिए आने-जाने वालों लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस परियोजना के तहत एक बॉटनिकल गार्डन, खेल का मैदान और मैंग्रोव बोर्डवॉक की विकसित किया जाना है। इसकी लागत 17.6 करोड़ रुपये है।
बढ़ेंगे रोजगार और आय के अवसर
मेक माई ट्रिप के एक अधिकारी के अनुसार घरेलू पर्यटन स्थलों पर पिछले कुछ सालों से काफी अच्छा काम किया जा रहा है। कुछ साल पहले तक स्थानीय लोग ही इन पर्यटन क्षेत्रों में जाया करते थे। अब बाहर से भी लोग घूमने आ रहे हैं। धार्मिक पर्यटन स्थलों पर घूमने जाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अयोध्या, वाराणासी, मथुरा वृंदावन सहित चार धाम यात्रा के लिए पर्यटकों संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे स्थानीय लोगों रोजगार मिलता है और कई क्षेत्र के लोगों की अप्रत्यक्ष रूप से आय बढ़ती है।
धार्मिक स्थलों से 1.35 लाख करोड़ रुपये की आमदनी
भारत सरकार आंकड़ों के अनुसार घरेलू पर्यटकों की संख्या जनवरी से जून 2022 तक 1,731 लाख रही जो 2021 में 677 लाख थी। जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या जनवरी से जून 2023 तक 43.80 लाख रही जो 2022 में इसी समयावधि में 21.24 लाख थी। धार्मिक स्थानों में घरेलू पर्यटकों की संख्या साल 2022 में 14.33 लाख रही। वहीं 64.4 लाख विदेशी पर्यटकों ने इन स्थानों का भ्रमण किया। साल 2022 में इन धार्मिक स्थलों से 1.35 लाख करोड़ रुपये की आमदनी हुई।