Saturday, November 23, 2024
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दक्षिण भारत में हिन्दी की गूंज, विशाखापत्तनम में जुटे विद्वानों ने हिंदी के महत्‍व और विकास पर किया मंथन

नई दिल्ली। विश्व हिंदी परिषद के तत्वावधान में दक्षिण भारत के विशाखापत्तनम में सम्मेलन और बैठक का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में हिन्दी भाषा के प्रति दक्षिण भारत और विशाखापत्तनम के लोगों ने सम्मान प्रदर्शित किया । विश्व हिंदी परिषद के अनुसार यह कार्यक्रम 13 अप्रैल को हुआ था।

समारोह का शुभारंभ आंध्र विश्वविद्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ हुआ। कॉन्फ्रेंस में विश्व हिंदी परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य पद्मभूषण आचार्य वाई लक्ष्मी प्रसाद ने हिन्दी भाषा के महत्व और इसके विकास में योगदान देने वाले लोगों के बारे में बात की। इसके बाद बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में शिक्षाविदों, लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डॉक्टर विपिन कुमार ने कार्यक्रम की सफलता के लिए पद्मभूषण आचार्य वाई लक्ष्मी प्रसाद का आभार व्यक्त किया। डॉक्टर विपिन कुमार ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि आचार्य लक्ष्मी प्रसाद के नेतृत्व में विश्व हिंदी परिषद न केवल दक्षिण भारत अपितु देश विदेश में हिन्दी में भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी। परिषद का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय भाषाओं को आगे बढ़ते हुए राष्ट्र स्तर पर राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी को स्थापित करना है।

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