नई दिल्ली। भारत-मलेशिया का द्विपक्षीय अभ्यास ‘समुद्र लक्ष्मण’ स्टीम पास्ट के साथ खत्म हो गया। भारतीय नौसेना के जहाज किल्टन और रॉयल मलेशियाई नौसेना जहाज केडी लेकिर ने द्विपक्षीय अभ्यास ‘समुद्र लक्ष्मण’ के समुद्री चरण के दौरान विभिन्न समुद्री अभियान चलाए। अभ्यास में तोपखाना फायरिंग, नाविक विकास, समुद्री नौकाएं, हेलीकॉप्टर और समुद्री गश्ती विमान संचालन शामिल थे।
भारत-मलेशिया द्विपक्षीय अभ्यास ‘समुद्र लक्ष्मण’ 28 फरवरी को विशाखापत्तनम में शुरू हुआ था, 2 मार्च तक चला। भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस किल्टन और रॉयल मलेशियाई नौसेना के जहाज केडी लेकिर ने इस अभ्यास के तीसरे संस्करण में भाग लिया। समुद्र में दोनों नौसेनाओं के बीच परिचालन चरण के बाद पेशेवर बातचीत भी हुई। बंदरगाह चरण में पेशेवर बातचीत, आपसी हित के विषयों पर विषय विशेषज्ञ का आदान-प्रदान, खेल कार्यक्रम और अन्य बातचीत शामिल रही। इन बातचीत का उद्देश्य ज्ञान के आधार को बढ़ाना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और समुद्री पहलुओं पर सहयोग को आगे बढ़ाना था।
समुद्री चरण के दौरान भारत और मलेशिया के जहाजों ने संयुक्त रूप से समुद्र में विभिन्न अभियानों का संचालन करते हुए कौशल को निखारने का प्रयास किया। इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय और रॉयल मलेशियाई नौसेना के बीच संबंधों को मजबूत करने के साथ ही अंतर संचालनीयता बढ़ाना रहा। दोनों जहाजों ने ‘समुद्र लक्ष्मण’ अभ्यास के समुद्री चरण के दौरान विभिन्न समुद्री अभियान चलाए, जिसमें तोपखाना फायरिंग, नाविक विकास, समुद्री नौकाएं, हेलीकॉप्टर और समुद्री गश्ती विमान संचालन शामिल थे। समुद्री चरण का समापन पारंपरिक स्टीम पास्ट के साथ हुआ।