नई दिल्ली। इजराइल- हमास संघर्ष के बीच इजराइल-ईरान के बीच संघर्ष का नया मोर्चा खुलने से पूरी दुनिया आशंकाओं से घिर गई है। रविवार सुबह ईरान ने जिस तरह इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन से ताबड़तोड़ हमले किए, उसकी अमेरिका और पश्चिमी देशों ने कड़ी निंदा की। भारत सहित ज्यादातर देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील करते हुए कूटनीति रास्ते आजमाने पर जोर दिया। उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने रविवार शाम इस मुद्दे पर आपातकालीन बैठक बुलाई है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की बैठक से पूर्व ईरान की तरफ से अमेरिका को इस संघर्ष से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। ईरान ने इजराइल को दोबारा धमकी दी है कि अगर उसकी तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई तो उसका बुरा अंजाम होगा। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थाई मिशन ने कहा, यूएन चार्टर के अनुच्छेद 51 के आधार पर दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हुए हमले के जवाब में सैन्य कार्रवाई की गई थी। मामला अब खत्म समझा जा सकता है। हालांकि चेतावनी दी गई है कि अगर इजराइल ने एक और गलती की तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। यह संघर्ष ईरान और इजराइल के बीच है, अमेरिका को इससे दूर रहना चाहिए।
ईरान के हमलों के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि इजराइल की तरफ से वर्षों से ईरान के सीधे हमले की तैयारी की जा रही है। हमारी रक्षात्मक प्रणालियां तैनात हैं और हम किसी भी हमले के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इजराइली सुरक्षा बल (आईडीएफ) एक मजबूत बल है।” उन्होने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित उन देशों की सराहना की जो उनके समर्थन में खड़े हैं।
इजराइल के समर्थन को लेकर प्रतिबद्धता दिखाते हुए अमेरिका ने कहा कि इजराइल की रक्षा हमारी प्रतिबद्धता है और अमेरिकी बलों ने ईरानी मिसाइलों को मार गिराया। क्षेत्र में अमेरिकी बल इजराइल को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।
जबकि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि ईरान द्वारा इजरायल के खिलाफ जवाबी हमले में ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च करने के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने से चीन बेहद चिंतित है। मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट बयान में कहा गया है कि चीन संबंधित पक्षों से शांत रहने और तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए संयम बरतने का आह्वान करता है।