नई दिल्ली । हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक 16 दिन तक पुलिस के साथ लुका छुपी खेलता रहा। सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, भारत के तमाम राज्यों में उसे ढूंढा जा रहा था। नेपाल बॉर्डर तक उसके वॉन्टेड वाले पोस्टर चस्पा किए गए थे। आखिरकार 24 फरवरी को अब्दुल राजधानी दिल्ली में दबोचा गया। उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता ने इस खबर की पुष्टि की है। अब्दुल की गिरफ्तारी से पहले क्या-क्या हुआ? आइए डिटेल में समझते हैं…
16 दिन तक लुका छुपी
दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 8 फरवरी को पुलिस की टीम नगर निगम के अधिकारियों के साथ अवैध मदरसे को ढहाने गई थी। बुलडोजर ऐक्शन शुरू होते ही उपद्रवियों ने पुलिसवालों पर अटैक कर दिया। पत्थर से साथ-साथ पेट्रोल बम से भी हमला होने लगा। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और एक थाने को फूंक दिया गया। इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई। इस घटना का मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक को बताया गया। वह हिंसा के बाद से ही गायब हो गया। 16 दिन तक वह कहां है, किसके साथ है, उसका अगला कदम क्या होगा, ये पुलिस को भी पता नहीं चल पा रहा था।
नेपाल तक ऐक्शन
अब्दुल मलिक के गायब होने के बाद चार राज्यों की पुलिस अलग-अलग जगहों पर दबिश देने लगीं। इनमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली पुलिस शामिल थीं। अब्दुल के खास लोगों और उसके रिश्तेदारों से पूछताछ की गई। पुलिस को उसके नेपाल में छिपे होने का भी शक था। वहीं जांच के दौरान यह पता चला कि उसके रिश्तेदार दुबई और ओमान में भी हैं, तब यह भी शक जताया गया कि वह गल्फ कंट्री में भी छिपा हो सकता है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था। अब्दुल का वॉन्टेड वाला पोस्टर जगह-जगह लगाया गया, नेपाल के बॉर्डर तक उसके पोस्टर चस्पा किए गए। बॉर्डर पर पुलिस नजर बनाए हुए थी।
घर देखकर लोगों के उड़ गए थे होश
अब्दुल की संपत्ति कुर्क कर दी गई। उसका चार लोगों का परिवार 24 कमरे के आलीशान मकान में रहता था। उसने और उसके बेटे ने महल के जैसा घर बनाया था, दोनों मकानों से एक पुल जुड़ा हुआ था। उसके घर से कई बेशकीमती और एंटीक सामान भी मिले थे।
दिल्ली में दबोचा गया
अब्दुल मलिक ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है जिसकी 27 फरवरी को सुनवाई होनी है। शनिवार को उसे दिल्ली में अरेस्ट कर लिया गया। हालांकि अभी उसके बेटे के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।