आंध्र प्रदेश की कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिला को हिरासत में लिया, सीएम भाई के खिलाफ खोला मोर्चा
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नई दिल्ली । आंध्र प्रदेश में राजनीतिक टकराव देखने को मिल रहा है. आंध्र प्रदेश की कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला रेड्डी अपने भाई वाईएसआरसीपी नेता और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
पहले उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें नजरबंद किया जा सकता है. शर्मिला रेड्डी ने नजरबंद के डर से पूरी रात कांग्रेस ऑफिस में गुजारी है. वह जमीन पर पड़े एक गद्दे पर सोती हुई नजर आई हैं. इस बीच उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।
शर्मिला रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश की सरकार उन्हें नजरबंद करने की कोशिश में लगी हुई है, जिससे बचने के लिए वह कांग्रेस ऑफिस में रुकी रहीं. एक वायरल वीडियो में उन्हें पार्टी के विजयवाड़ा ऑफिस के फर्श पर लेटे हुए देखा जा सकता है. शर्मिला ने गुरुवार को ‘चलो सचिवालय’ मार्च बुलाया. इस दौरान वह सचिवालय की ओर बढ़ रही थीं तभी उन्हें हिरासत में ले लिया गया है. कांग्रेस का ये प्रदर्शन बेरोजगार युवाओं और छात्रों की कथित समस्याओं के समाधान के लिए है।
वाईएस शर्मिला ने क्या लगाए आरोप?
विजयवाड़ा के आंध्र रत्न भवन (कांग्रेस ऑफिस) में वाईएस शर्मिला संवाददाताओं से बात की. उनका कहना है कि जगन मोहन रेड्डी पिछले पांच सालों में युवाओं, बेरोजगारों और छात्रों के जरूरी मुद्दों को सुलझाने में पूरी तरह से विफल रहे हैं. इसके बाद उन्होंने एक्स पर दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद करने की कोशिश की गई. उन्होंने लिखा, ‘अगर हम बेरोजगारों की ओर से विरोध प्रदर्शन की अपील करते हैं, तो क्या आप हमें घर में नजरबंद रखने की कोशिश करेंगे? क्या हमें लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार नहीं है? क्या यह शर्मनाक नहीं है कि एक महिला के रूप में मुझे भागने के लिए मजबूर किया गया और नजरबंदी से बचने के लिए कांग्रेस पार्टी कार्यालय में रात बिताई?
आंध्र सरकार को मांगनी चाहिए माफी- शर्मिला
उन्होंने दावा किया कि हजारों पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेर लिया है. शर्मिला का कहना है कि हमारे चारों ओर हजारों पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं. लोहे की बाड़ लगा दी गई है और हमें बंधक बना लिया गया है. अगर हम बेरोजगारों के पक्ष में खड़े हैं, तो वे हमें गिरफ्तार कर रहे हैं. आप तानाशाह हैं जो हमें रोकने की कोशिश कर रहे हैं. आपकी हरकतें इसका सबूत है. वाईसीपी सरकार को बेरोजगारों से माफी मांगनी चाहिए. वहीं, लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर ने जगन मोहन रेड्डी पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।