नई दिल्ली । भाजपा नेता मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ के महापौर पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के 3 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए। यह घटनाक्रम महापौर पद के लिए हालिया चुनावों में धांधली के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से एक दिन पहले हुआ।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता मनोज सोनकर के इस्तीफे से साबित हो गया कि चुनाव में हेरफेर किया गया था। उन्होंने कहा, ‘महापौर के इस्तीफे से यह साफ है कि चुनाव में हेरफेर हुआ था। उनसे जब चुनाव नहीं जीता गया तो हमारे पार्षदों को खरीदा और तोड़ा जा रहा है।
कांग्रेस और आप के बीच कोई गठबंधन नहीं
बता दें कि भाजपा की चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा कि सोनकर ने निगम आयुक्त को अपना इस्तीफा सौंपा है। मल्होत्रा ने कहा कि कांग्रेस और आप के बीच कोई गठबंधन नहीं है और वे केवल जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जनता के सामने बेनकाब किया जाएगा। इस बीच, भाजपा के सीनियर नेता अरुण सूद ने कहा कि आप के तीन पार्षद नेहा, पूनम और गुरुचरण काला पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए।
क्या 3 पार्षदों के पाला बदलने से होगा बड़ा खेल
आप के 3 पार्षदों के पाला बदलने से यह तय है कि जब भी महापौर के नए चुनाव होंगे तो पलड़ा भाजपा के पक्ष में झुक जाएगा। उनके शामिल होने से पहले, 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद थे और आप के 13 पार्षद थे। चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर को भी निगम के सदन में मतदान का अधिकार है। कांग्रेस के 7 और शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है। बीजेपी ने 30 जनवरी को महापौर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की थी, जिससे आप और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा था। उसने निर्वाचन अधिकारी पर मत पत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। सोनकर ने महापौर पद के लिए हुए चुनाव में AAP के कुलदीप कुमार को हराया था। सोनकर को 16, जबकि कुमार को 12 वोट मिले थे और 8 वोट अवैध घोषित किए गए थे।