नई दिल्ली । कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से जातिगत जनगणना का मुद्दा दोहराया है। वे आए दिन बीजेपी को इस मुद्दे पर घेरते रहते हैं। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी अगर वाकई ओबीसी समुदाय या दलितों के हितों को लेकर सोच रही है तो उसे जातिगत जनगणना करानी चाहिए।
इसी कड़ी में राहुल गांधी ने जातिगत सर्वे को लेकर फिर से बयान दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स (X) पर सवाल पूछते हुए कहा है कि क्या हमने कभी सोचा है कि गरीब कौन हैं? कितने हैं और किस स्थिति में है? क्या इन सभी की गिनती ज़रूरी नहीं?
बिहार के जातिगत सर्वे का किया जिक्र
उन्होंने बिहार में हुई जातिगत सर्वे का जिक्र भी किया है। कहा है कि बिहार के जातिगत गिनती से पता चला कि गरीब आबादी के 88% लोग दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज से आते हैं। आपको बता दें कि 2023 में यह मुद्दा खासा चर्चा का विषय रहा था, रिपोर्ट के मुताबिक, अब बिहार की आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है। इनमें हिंदू समुदाय की आबादी 81।9%, मुस्लिम की आबादी 17।7%, ईसाई 0।05%, सिख- 0।01%, बौद्ध 0।08%, जैन 0।0096% और अन्य धर्म के लोगों की आबादी 0।12% है। नए आकंड़ों के मुताबिक, अन्य पिछड़ा वर्ग और अति अन्य पिछड़ा वर्ग मिलाकर कुल आबादी का 63 फीसदी है।
कांग्रेस करेगी जातिगत गिनती-आर्थिक मैपिंग
राहुल का कहना है कि बिहार से आए आंकड़े देश की असली तस्वीर की एक छोटी सी झलक मात्र हैं। हमें अंदाज़ा तक नहीं है कि देश की गरीब आबादी किस हाल में जी रही है। इसी के साथ राहुल गांधी ने एलान किया है कि कांग्रेस पार्टी दो ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही हैं। पहला है जातिगत गिनती और दूसरा है आर्थिक मैपिंग। राहुल का दावा है कि इन दोनों के आधार पर 50% की आरक्षण सीमा को उखाड़ कर फेंक दिया जाएगा।
राहुल का मानना है कि यह कदम देश का X-Ray कर सभी को सही आरक्षण, हक़ और हिस्सेदारी दिलाएगा। इससे न सिर्फ गरीब के लिए सही नीतियां और योजनाएं बनाई जा सकेंगी बल्कि उन्हें पढ़ाई, कमाई और दवाई के संघर्ष से उबार कर विकास की मुख्यधारा से जोड़ा भी जा सकेगा। उन्होंने जनता से आग्रह करते हुए कहा है कि, ”इसलिए उठो, जागो और अपनी आवाज़ उठाओ, जातिगत गिनती तुम्हारा हक़ है और यही तुम्हें मुश्किलों के अंधेरों से निकाल कर उजालों की ओर ले जाएगी। गिनती करो हमारा नारा है, क्योंकि गिनती न्याय की पहली सीढ़ी है।