नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. अधीर रंजन ने कहा कि पूर्व आर्मी चीफ एमएम नरवणे की किताब ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ पर पाबंदी लगाई गई है।
किताब बाजार में नहीं मिल रही है. अधीर रंजन ने दावा किया कि किताब में पूर्व आर्मी चीफ नरवणे ने लिखा है कि अग्निपथ और अग्निवीर योजना गलत है. कांग्रेस सांसद चौधरी ने कहा कि सरकार इस योजना के जरिए सेना में विभाजन पैदा कर रही है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मान लीजिए अग्निपथ योजना में 100 लोग इम्तिहान में शामिल हुए. इनमें से 75 को फौज में जाने की इजाजत नहीं मिलेगी. इन्हें निकाला जाएगा. 100 में से सिर्फ 25 को नौकरी मिलेगी।
शहीद का दर्जा न मिलने पर उठाए सवाल
अधीर रंजन ने कहा, अग्निवीर की शाहदत के बाद उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता. देश के लिए जो अपना जीवन देते हैं, प्राण न्योछावर करते हैं, उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया जा रहा. ये कौन सा तरीका है?
देश की रक्षा के लिए सब लोगों ने कसम खाई है
उन्होंने कहा, हमारी फौज के अंदर एक तरह का विभाजन हो रहा है. फौज और चार साला नौकरी.दो किस्म की फौज. इस तरह फौज के अंदर दरार हम नहीं चाहते. हमारे लिए सब समान हैं. देश की रक्षा के लिए सब लोगों ने कसम खाई है, चाहें वो अग्निवीर हो या आर्मी हो. लेकिन हम यह बंटवारा कभी नहीं चाहते. इसलिए हम इसका विरोध करते हैं. कांग्रेस तो छोड़ो बड़े बड़े एक्सपर्ट और पूर्व आर्मी चीफ भी इसका विरोध कर रहे हैं।
क्या है अग्निवीर योजना?
भारत सरकार ने 2022 में तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निवीर योजना लॉन्च की थी. इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में युवाओं को चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा. चार साल बाद 75% जवानों को तय राशि के साथ सेवा से अलग कर दिया जाएगा. जबकि 25% जवान अपनी सेवा जारी रख सकेंगे।