नई दिल्ली। BJP उम्मीदवार अब्दुल सलाम 195 नामों की पहली सूची में एकमात्र मुसलमान हैं। इसके चलते ही वह खासे चर्चा में हैं, क्योंकि साल 2019 में पार्टी ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा था। सलाम को केरल की मलप्पुरम सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘मंत्रमुग्ध किया है।’
कौन हैं अब्दुल सलाम
सलाम 71 साल के हैं और केरल की चुनावी राजनीति से परिचित हैं। साल 2016 में भाजपा ने उन्हें तिरूर विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी बनाया था। हालांकि, वह चुनाव हार गए थे, लेकिन उनके उठाए मुद्दे चर्चा में रहे। उन्होंने शिक्षण के क्षेत्र में लंबा समय गुजारा है। करियर के दौरान वह एचओडी से लेकर एसोसिएट डीन जैसे अहम पदों पर भी रहे।
13 किताबें प्रकाशित करने वाले सलाम कलीकट विश्वविद्यालय कुलपति भी रहे थे। खबरें हैं कि वह कुवैत और सूरीनाम में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे।
मोदी के हैं फैन
एक रिपोर्ट के अनुसार, सलाम का कहना है, ‘वह एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया मोदी जी के आसपास घूम रही है। यह उनकी शख्सियत, सोच, मिशन और काम की ताकत है। उनके मन में सबको साथ लेकर चलने का भाव है। वह पूरे देश को एक नजर से देखते हैं। आप ऐसे किसी दूसरे नेता का नाम ले लीजिए, मैं उनके साथ खड़ा हो जाऊंगा। मैंने 21 सालों में उन्हें गुजरात से दिल्ली पहुंचते देखा है।’
सलाम स्थानीय मौलवियों पर भी सवाल उठाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘स्थानीय मुल्लाओं की बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है कि ये काफिर या वो। काफिर क्या होता है? जब तक आपने इस्लाम स्वीकार नहीं किया था तब तक आप भी काफिर थे। उन्हें काफिर रहने दें। मेरा असल काम मोदी की रोशनी में ये अज्ञान खत्म करना है।’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मंत्र है कि अल्लाह, कुरान, बाइबल और भगवद्गीता में भरोसा रखिए। सभी धार्मिक ग्रंथों को देखें, तो आपको नजर आएगा कि हर जगह प्यार और ख्याल रखने की सीख दी है। मोदी इसी में यकीन रखते हैं।’ वह कहते हैं, ‘मैंने मोदी से अच्छा इंसान नहीं देखा है। वह हिंदू होंगे, लेकिन ये उनकी अयोग्यता नहीं है…।’
इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी की कथित मुस्लिम विरोधी छवि को लेकर कहा कि यह विरोधियों की तरफ से गढ़ा हुआ नैरेटिव है। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘सच बात यह है कि यह सब फर्जी है। वह किसी घटना के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं थे। सब मनगढ़ंत नैरेटिव है। आप उन लोगों से बात कीजिए, जो एक तरफ झुके हुए नहीं हैं और तथ्यों को ध्यान में रख कर विश्लेषण कीजिए।’