नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में अभी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। अपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा तंज कसा। उन्होंने फिल्म के गाने ‘ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा’ के जरिए कहा कि राज्यसभा में खरगे जी का भाषण काफी ध्यान से सुना। काफी आनंद आया, जोकि कम मिलता है। लोकसभा में मिल जाता है, लेकिन वे आजकल दूसरी ड्यूटी पर हैं, इसलिए मनोरंजन कम मिलता है। जो लोकसभा में मनोरंजन की कमी खल रही है, उसे आपने पूरी कर दी। पीएम मोदी ने कहा, ”मुझे खुशी इस बात की थी कि खरगे जी काफी लंबा, शांति से बोल रहे थे। समय भी काफी मिला था। मैं सोच रहा था कि आजादी मिली कैसे। इतना सारा बोलने की आजादी कैसे मिली। लेकिन बाद में मुझे ध्यान आया कि दो स्पेशल कमांडर जो रहते हैं, वे उस दिन नहीं थे। इसीलिए बहुत भरपूर फायदा खरगे जी ने उठाया।” पीएम मोदी ने राज्यसभा में आगे कहा, ”उस दिन खरगे जी ने सिनेमा का एक गाना सुना होगा ‘ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा’। खरगे जी को भी अम्पायर और कमांडर नहीं हैं तो चौके-छक्के मारने में मजा रहा था।”
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे पिछले साल का वह प्रसंग बराबर याद है, जब देश के प्रधानमंत्री की आवाज का गला घोंटने का प्रयास किया गया था। हम बड़ी धैर्य के साथ आपके एक-एक शब्दों को सुनते रहे, आज भी आप न सुनने की तैयारी के साथ आए हैं। लेकिन मेरी आवाज को आप दबा नहीं सकते हैं। देश की जनता ने इस आवाज को ताकत दी हुई है। जनता के आशीर्वाद से आवाज निकल रही है। इसलिए मैं भी पूरी तैयारी के साथ आया हूं। मैंने सोचा था कि आप जैसे व्यक्ति सदन में आए हैं तो मर्यादा का पालन करेंगे, लेकिन डेढ़-पौने दो घंटे तक आप लोगों ने मुझपर जुल्म किया था। इसके बाद भी मैंने कोई शब्दों की मर्यादा नहीं तोड़ी। मैंने भी एक प्रार्थना की है। पश्चिम बंगाल से जो आपको (कांग्रेस) चैलेंज आई है कि कांग्रेस 40 पार नहीं कर पाएगी। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप 40 बचा पाएं।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब भी मैं सुनता हूं तो मेरा विश्वास पूरा हो गया है कि पार्टी (कांग्रेस) सोच से भी आउटडेटेड हो गई है। उन्होंने अपना कामकाज भी आउटसोर्स कर दिया है। देखते ही देखते इतना बड़ा दल, इतने दशकों तक देश पर राज करने वाला दल की ऐसी गिरावट? मुझे खुशी नहीं हो रही है। हमारी आपके प्रति संवेदनाएं हैं, लेकिन डॉक्टर क्या करेगा, पेशेंट खुद… आगे क्या बोलूं। जिस कांग्रेस ने सत्ता की लालच में सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट दिया था, जिसने दर्जनों बार सरकारों को रातों-रात भंग कर दिया था। जिस कांग्रेस ने देश के संविधान, मर्यादाओं को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया था। अखबारों पर ताले तक लगाने की कोशिश की। वह कांग्रेस प्रवचन दे रही है। कांग्रेस ने बाबा साहेब को भारत रत्न देने के योग्य नहीं माना और अपने ही परिवार को भारत रत्न देते रहे। जिस कांग्रेस के अपने नेता की कोई गारंटी नहीं है, अपनी नीति की कोई गारंटी नहीं है, वो मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं यह सवाल तो नहीं पूछूंगा कि कांग्रेस को किसने जन्म दिया था? देश में गुलामी की मानसिकता को किसने बढ़ावा दिया। अगर आप अंग्रेजों से प्रभावित नहीं थे, तो उसकी बनाई दंडसंहिता को क्यों नहीं बदला? अंग्रेजों के जमाने के सैंकड़ों कानून क्यों चलते रहे? लाल बत्ती कल्चर इतने दशकों बाद भी क्यों चलता रहा? भारत का बजट शाम को पांच बजे इसलिए आता था, क्योंकि ब्रिटिश संसद के शुरू होने का समय होता था। अगर आप अंग्रेजों से प्रेरित नहीं थे, तो राजपथ को कर्तव्य पथ बनने के लिए मोदी का इंतजार क्यों करना पड़ा?
नेहरू पर फिर पीएम मोदी का निशाना
संसद में पीएम मोदी ने कहा कि इस समय जाति की काफी बातें हो रही हैं। पता नहीं क्यों कांग्रेस को इसकी जरूरत पड़ गई, यह मैं नहीं जानता हूं, लेकिन उनको अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। दलित, पिछड़े और आदिवासी, कांग्रेस जन्मजात इतनी विरोधी रही है। मैं कभी-कभी सोचता हूं कि बाबा साहेब न होते तो शायद एससी-एसटी को आरक्षण मिलता कि नहीं मिलता, यह भी सवाल उठता है। मेरे पास इसके प्रमाण हैं। एक बार नेहरू जी ने चिट्ठी मुख्यमंत्रियों को लिखी थी। मैं उसका अनुवाद पढ़ रहा हूं। उन्होंने लिखा था कि मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण को कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे और जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए। यह पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है। इसीलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस जन्मजात विरोधी है। नेहरू जी कहते थे कि अगर एससी-एसटी और ओबीसी को नौकरियां में आरक्षण मिलता तो सरकारी काम का स्तर गिर जाएगा।