श्रीगंगानगर। जिले के श्रीकरणपुर में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र को भारत सरकार और निजी क्षेत्र का संवेदनशील डेटा डार्क वेब पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह छात्र इस डेटा को क्रिप्टो के बदले बेच रहा था। पुलिस को उसके पास 4500 जीबी स्टोरेज डेटा, पांच लाख आधार कार्ड समेत चार देशों की मिलिट्री का संवेदनशील डेटा भी मिला है। इस संबंध में छात्र से पूछताछ की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि डेटा की और भी जानकारी मिल सकती है।
दिल्ली से आई गुप्तचर ब्यूरो व श्रीकरणपुर पुलिस की टीम ने शनिवार रात को गांव 49 एफ में छापा मारकर युवक को गिरफ्तार किया। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि अमित गांव 49 एफ का रहने वाला है। उसके पिता दुबई में काम करते हैं। वह घर से ही यह नेटवर्क चलाता है। वह साइबर थ्रेट एक्टर है और डार्क वेब के मल्टीपल प्लेटफार्म और टेलीग्राम चैनल पर एक्टिव है। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान वह डार्क वेब और डीप वेब के संपर्क में आया। धीरे-धीरे वह सर्फिंग में इतना एक्सपर्ट हो गया कि वह ऑनलाइन डेटा चुराकर इसे टेलीग्राम चैनल के जरिए बेचने लगा।
श्रीकरणपुर पुलिस के सीओ सुधा पालावत के मुताबिक पुलिस ने जिस समय उसे गिरफ्तार किया वह एक टेलीग्राम चैनल चला रहा था। उसने इस चैनल पर अश्लील सामग्री अपलोड की है। वह इस चैनल का एडमिन भी है। वह 2018 से वीडियो गेम खेलता था। वह धीरे-धीरे लैपटॉप से इंटरनेट की गहराइयों (डीप वेब) में चला गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि डार्क वेब के माध्यम से लगभग पांच लाख आधार कार्डों, आर्मी तथा विभिन्न देशों का लगभग 4500 जीबी डेटा हासिल कर लिया। इसके जरिए अब तक उसके करीब एक लाख 11 हजार रुपये का लेन-देन करने का पता लगा है।
पुलिस के मुताबिक उसके पास से तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक कम्प्यूटर, दो पेन ड्राइव, पांच हार्ड डिस्क, चार एसएसडी और कुछ अन्य सामान बरामद हुआ है। अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी और पुलिस मिलकर इसकी जांच-पड़ताल करेगी। अमित के पास से 23 हजार 700 रुपए नकदी मिली है। पुलिस सहित विभिन्न एजेंसियां अभी पूछताछ कर रही हैं। आशंका है कि वह सारे डेटा दुश्मन देश को बेच रहा था। उसने बताया कि उसकी इच्छा सबसे बड़ा हैकर बनने की है।
पूछताछ में उसने बताया कि उसे ऑनलाइन गेमिंग की लत लग गई थी। इससे उसने इंटरनेट की दुनिया में उतरना शुरू किया। इसी दौरान उसने यू-ट्यूब पर डार्क वेब और डीप वेब को सर्च करना शुरू किया। वह लगातार यूट्यूब से सीखता और फिर उसे डार्क वेब पर जाकर लागू करता। वह डार्क वेब से ही डेटा खरीदता था। इसके बाद इसे अपने टेलीग्राम ग्रुप के जरिए बेचता था।