इलाहाबाद। ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उसे कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। मामले की अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी। हालांकि पूजा किए जाने को लेकर कोई भी निर्देश नहीं हैं । 6 फरवरी को ही वाराणसी की जिला अदालत में एएसआई की रिपोर्ट पर भी सुनवाई होगी। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को जगह संरक्षित करने को कहा है। साथ ही निर्देश दिया है कि कोई नुकसान या निर्माण नहीं होना चाहिए।
कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि जब कलेक्टर को रिसीवर नियुक्त किया गया तब आपने विरोध नहीं किया। मस्जिद समिति से अपनी अपील में संशोधन करने और जिला न्यायाधीश के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती देने को कहा है। दरअसल, 17 जनवरी के आदेश में डीएम को व्यास तहखाना का रिसीवर नियुक्त कर दिया था। साथ ही अदालत ने यूपी सरकार को कानून-व्यवस्था बरकरार रखने का निर्देश भी दिया है। इससे पहले कोर्ट ने यूपी के एडवोकेट जनरल से वर्तमान स्थिति बताने को कहा है। एडवोकेट जनरल ने बताया कि तहखाने में पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है, बड़ी संख्या में लोग तहखाने के दर्शन भी कर रहे हैं। कोर्ट ने यूपी सरकार से वहां किए गए इंतजामों की जानकारी विस्तार से जानी है।
सुनवाई कर रहे जज जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी के वकील से पूछा है कि आपने डीएम को रिसीवर नियुक्त किए जाने के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दी सीधे 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है। ऐसे में यह बताइए कि आपकी अर्जी की पोषणीयता क्या है, क्या उस पर सुनवाई की जा सकती है? 31 जनवरी का आदेश 17 जनवरी को डीएम को रिसीवर नियुक्त किए जाने के आगे की कड़ी है। यूपी सरकार की ओर से जानकारी मुहैया कराए जाने के बाद हिंदू पक्ष ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर अपना एतराज जताया और याचिका खारिज करने की अपील की है। विष्णु शंकर जैन हिंदू पक्ष की तरफ से पेश हुए।