नई दिल्ली। भारतीय औषधि अनुसंधान के क्षेत्र के पुरोधा और देश के जाने-माने वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ नित्यानंद का शनिवार को सुबह हृदय गति रुकने में से निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनकर देश का विज्ञान जगत शोक में डूब गया है। यह निश्चित ही वैज्ञानिक जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।
उनकी शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में ‘हम दो हमारे दो’ की अवधारणा उन्हीं की देन थी। स्त्रियों के लिए हानि रहित बेहद मामूली कीमत वाली सुलभ गैर-स्टेरायडल गर्भनिरोधक ‘छाया’ उन्हीं की देन है। जिसे पहले सहेली के नाम से जाना जाता था।
महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल यह गर्भनिरोधक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त व स्थापित एक महान योगदान माना जाता है। यही नहीं भारत में उन्हें सस्ती व सुलभ दवाइयों व जेनेरिक फार्मा का जनक माना जाता है। औषधि रिसर्च व विज्ञान जगत में उनके महान योगदान के लिए भारत सरकार ने सन 2012 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया था। अभी हाल ही में उन्होंने अपना 99वां जन्म दिन मनाया था। परिजनों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।