नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अजित पवार गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने की डेडलाइन बढ़ा दी है। आदेश के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर 15 फरवरी तक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला ले सकेंगे। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के सबमिशन पर यह आदेश दिया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता स्पीकर राहुल नार्वेकर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। तुषार मेहता ने फैसले के लिए पीठ से और समय की मांग की। जिस पर पीठ ने फैसले के लिए समयसीमा 15 फरवरी तक बढ़ा दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला लेने समयसीमा 31 जनवरी तक तय की थी। शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने स्पीकर राहुल नार्वेकर के समक्ष याचिका दायर कर दल-बदल विरोधी कानून के तहत अजित पवार गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की अपील की थी। अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी के कई विधायक बीती साल 2 जुलाई को एनडीए में शामिल हो गए थे। अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में याचिका दायर कर उन्हें असली एनसीपी मानने की मांग की गई है। साथ ही पार्टी के चुनाव चिन्ह घड़ी पर भी दावा जताया है।
अजित पवार गुट ने स्पीकर के समक्ष भी याचिका दायर की है। अजित पवार गुट के मुख्य सचेतक अनिल पाटिल ने हलफनामा दायर कर आरोप लगाया है कि शरद पवार द्वारा पार्टी को प्रशासित किया जा रहा था, जो कि पार्टी संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है। पाटिल ने कहा कि पार्टी के भीतर संगठन के चुनाव भी नहीं कराए गए और शरद पवार तानाशाही तरीके से पार्टी चला रहे हैं। पाटिल ने दावा किया कि साल बीते साल जून में अजित पवार को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। इस संबंध में चुनाव आयोग को सूचित भी किया गया था।