केशव भूमि नेटवर्क / पालघर : पालघर के डॉ. बाळासाहेब सावंत कोकण कृषी विद्यापीठ, कृषी संशोधन केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ.दीपक बोरसे ने विद्यार्थीयों कों सलाह देते हुए कहा की विद्यार्थीयों कों उद्यमी बनना चाहिए । शुक्रवार कों वह पालघर के दांडेकर महाविद्यालय में फल प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी प्रमाणपत्र वितरण समारोह में वह मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
डॉ.दीपक बोरसे ने पालघर की सराहना करते हुए कहा की यह एकमात्र ऐसा जिला है, जहां फल, सब्जियां, फूल, मछली सभी एक साथ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है । साथ ही उन्हों ने अधिक से अधिक छात्रों, किसानों और गृहिणियों से अपील करते हुए कहा कि वे आगे आएं और सोनोपंत दांडेकर कॉलेज द्वारा आयोजित प्रशिक्षण का लाभ उठाएं और छोटे उद्यमी बनने के लिए जिले में मौजूद अवसरों का लाभ उठाएं |
वही भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.किरण सावे ने विद्यार्थियों एवं प्रशिक्षुओं को मौलिक मंत्र देते हुए कहा कि एक कर्मचारी के बजाय एक नियोक्ता बनें और उसके अनुरूप स्वयं को विकसित करने का प्रयास करें। साथ ही उन्हों ने कहा कि यदि हम समस्या से बड़े हो जाते हैं, तो समस्या स्वचालित रूप से छोटी हो जाती है, और उसका समाधान ढूंढना आसान हो जाता है।
प्रशिक्षुओं ने सफलतापूर्वक शुरू किया है व्यवसाय
पालघर जिले में प्रचुर मात्रा में हो रहे फलों और सब्जियों के उत्पादन के मद्दे नजर उद्यमशीलता को विकसित करने और उसे बढ़ावा देना के लिए जूनियर कॉलेज के प्रो. प्रवीणा कोचरेकर और प्रो. यह आनंद जाधव के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है । इस प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न फल एवं सब्जियाँ जैसे आम, अमरूद, चीकू, जामुन, आंवला, पपीता, केला, नीबू, सेब ,प्याज, टमाटर समेत तमाम फलों सब्जियों पर प्रक्रिया करके उनसे बिभिन्न प्रकार के सरबत, जॅम, जेली, कँडी, अचार बनाने का और उसे पैकिंग करने का प्रशिक्षण दिया गया | प्रशिक्षण पूरा कर चुके अमिता अनिल पाटील ने वानगांव में और कुछ प्रशिक्षुओं ने बचत गट के माध्यम से फलों और सब्जीयों के निर्जलीकरण का व्यवसाय सफलतापूर्वक शुरू किया है।