Mumbai Badlapur Rape Case : महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न रेप केस का मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे सोमवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया | पलक झपकते ही अक्षय शिंदे के एनकाउंटर की घटना आग की तरह फ़ैल गई |
जानकारी के मुताबिक बदलापुर क्राइम ब्रांच के अधिकारी अक्षय शिंदे को शाम साढ़े पांच बजे हिरासत में लेने के बाद तलोजा जेल से निकले थे। शाम करीब 6:30 बजे पुलिस टीम जब मुंब्रा बाईपास के पास पहुंची, तो अक्षय ने कथित तौर पर एक कांस्टेबल से हथियार छीन लिया और गोली चलाने लगा। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इसमें वो बुरी तरह से घायल हो गया। जानकारी के मुताबिक 3 से 4 राउंड फायर हुआ था। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया। खून से लथपथ आरोपी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक उसके सिर में काफी चोट आई थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। जानकारी मिली है कि पुलिस ने सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की, जिसमें उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद हर जगह आक्रोश का था माहौल
पिछले महीने 13 अगस्त को मुंबई के पास बदलापुर में एक स्कूल में बच्चियों से दुष्कर्म की खबरें आने के बाद से ही हर जगह आक्रोश का माहौल था। भीड़ ने आरोपी अक्षय शिंदे के घर पर तोड़फोड़ भी की। जब यह चौंकाने वाली घटना सामने आई तो अक्षय शिंदे की करतूतों की पोल भी खुलती चली गई। जानकारी मिली कि उसने तीन शादियां की थीं, लेकिन तीनों उसे छोड़कर चली गई थीं। अक्षय शिंदे ने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया था। उसके वीडियो को पुलिस ने कोर्ट में पेश करना था। अक्षय स्कूल में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करता था।
क्या थी घटना
13 अगस्त को अक्षय स्कूल में ड्यूटी पर था, उसी दौरान वह दो छोटी बच्चियों को टॉयलेट के लिए लेकर गया और इसी दौरान उसने शर्मनाक हरकत की। बच्चियों ने डर के मारे कुछ नहीं कहा, लेकिन दो दिन बाद अपने मम्मी-पापा को इस बारे में बता दिया। जानकारी के मुताबिक जब अभिभावकों ने इस संबंध में शिकायत की तो स्कूल प्रशासन ने इसे टालना चाहा। यही नहीं सीसीटीवी फुटेज देने से भी इनकार कर दिया और यह कहा कि 15 दिन से सीसीटीवी बंद है।
FIR दर्ज करने के लिए भी करनी पड़ी थी मशक्कत
मेडिकल जांच में यह साबित हो गया कि बच्चियों के साथ गलत काम हुआ है। मगर उनके मां-बाप को शिकायत दर्ज कराने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। मीडिया खबरों के मुताबिक पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने के लिए उन्हें 12 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। रात 12.30 बजे जाकर शिकायत दर्ज हुई और उसके बाद अक्षय शिंदे गिरफ्तार हुआ। शिकायत दर्ज करने में देरी की वजह से पुलिस पर भी गाज गिरी और सीनियर एसआई को उनके पद से हटा दिया है।