नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि लोगों को शराब घोटाले’ की याद तभी आएगी जब वे उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करते देखेंगे। शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, एक मतदाता के तौर पर मेरा मानना है कि वे जहां भी चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे, वहां लोगों को शराब घोटाला याद आएगा, यहां तक कि पंजाब में भी। जब लोग केजरीवाल को देखेंगे तो उनके सामने बड़ी-बड़ी बोतलें भी होंगी।
उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने से विपक्षी दल इंडिया को कोई फायदा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली शराब नीति से जुड़े एक मामले में केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत दी थी। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के मुखिया को 2 जून को सरेंडर करने को कहा है, ताकि प्रवर्तन निदेशालय मामले में अपनी जांच जारी रख सके। फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री शाह ने कहा कि इसे आप और अरविंद केजरीवाल की जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
शाह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उनकी दलील क्या थी? उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया। फिर उन्होंने अपनी दलील में संशोधन किया और जमानत मांगी, अदालत ने उसे भी खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि चुनाव प्रचार करने की आपकी मांग के अनुसार, हम आपको अंतरिम जमानत दे रहे हैं और आपको 1 जून को आत्मसमर्पण करना होगा। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि केजरीवाल की यह टिप्पणी कि आप को वोट देने से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि उन्हें वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा, गलत संदेश देती है।
अमित शाह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के जजों को यह तय करना है। क्या सुप्रीम कोर्ट जीत या हार के आधार पर अपराध का फैसला करेगा? यह सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर गलत टिप्पणी है। केजरीवाल, जिन्हें कथित दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था, को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी।
लोकसभा चुनाव के चार चरण पूरे हो चुके हैं। दिल्ली की सात सीटों के लिए 25 मई को मतदान होना है। केजरीवाल को आखिरी चरण के मतदान के एक दिन बाद यानी 2 जून को सरेंडर करने को कहा गया है। ईडी का मामला यह है कि दिल्ली शराब नीति 2021-22 ने थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत का असाधारण उच्च-लाभ मार्जिन प्रदान किया। दिल्ली शराब नीति मामले की जांच का मुख्य फोकस बिचौलियों, व्यापारियों और राजनेताओं के एक कथित नेटवर्क पर था, जिसे केंद्रीय एजेंसियों ने साउथ ग्रुप कहा है।