ईटानगर/गंगटोक। पूर्वीत्तर के दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभा चुनाव के जो रुझान आ रहे हैं उनके मुताबिक दोनों ही राज्यों में सत्तारूढ़ पार्टियां भारी बहुमत की ओर बढ़ रही हैं। अरुणाचल प्रदेश में भाजपा और एनडीए अब तक 60 में से 44 सीटों पर आगे है। 10 सीट पहले ही निर्विरोध जीत चुकी है। इसी तरह से सिक्किम में सत्तारूढ़ एसकेएम पार्टी को 32 में से 31 सीटों पर बढ़त मिल रही है। इस बीच, दोनों ही राज्यों में कार्यकर्ताओं ने खुशियां मनाना शुरू कर दिया है। दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलेंगे। दोनों ही मुख्यमंत्री अपनी-अपनी सीट पर जीत गए हैं।
2019 के अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 41 सीटें जीतीं और पेमा खांडू फिर से मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस ने केवल 4 सीटें जीतीं जबकि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और एनपीपी ने क्रमशः 7 और 5 सीटें जीतीं। इससे पहले 2014 के में हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा केवल 11 सीटें जीतने में सफल रही। पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) ने 5 सीटें जीतीं। लेकिन प्रदेश में राजनीतिक उठा-पटक के बाद जुुलाई, 2016 में पेमा खांडू पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
अरुणाचल प्रदेश में कोई बड़ी क्षेत्रीय राजनीतिक दल नहीं है। यहां पर भाजपा और कांग्रेस दो बड़े दल हैं और इन्हीं के बाच लड़ाई है। हालाकि, भाजपा ने राज्य की सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने केवल 19 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। भाजपा पहले ही बोमडिला, चौखम, ह्युलियांग, ईटानगर, मुक्तो, रोइंग, सागली, ताली, तालिहा और जीरो-हापोली सहित 10 सीटें बिना किसी प्रतियोगिता के जीत चुकी है।
एसकेएम ने 2019 में 24 साल 5 महीने और 15 दिन पुरानी एसडीएफ के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग को हराया था। इस तरह से एसकेएम के प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में सरकार बनाई थी।2019 सिक्किम विधानसभा चुनाव में, एसकेएम ने 17 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया और प्रेम सिंह मुख्यमंत्री बने। राज्य में मौजूदा एसडीएफ 15 सीटों पर सिमट गई थी। 2014 के सिक्किम विधानसभा चुनाव में एसडीएफ ने 22 सीटें जीतीं और पवन कुमार चामलिंग लगातार पांचवीं बार सीएम बने थे।