राजनीति

भोपाल: विश्वविद्यालय थिंक टैंक होता है : कुलगुरु प्रो. सुरेश

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसर में “विकसित भारत 2047: मीडिया की भूमिका” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलगुरु प्रो. अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी थे, जबकि अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने की । प्रकाशन विभाग द्वारा आयोजित इस व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सुरेश ने कहा कि विकसित भारत हम सब का सपना है । उन्होंने कहा कि इसके लिए हम क्या कुछ कर सकते हैं ? क्या करना चाहिए ? क्या योगदान दे सकते हैं ? इस बारे में हमें सोचना है और करना है । प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय को समाज से अलग नहीं देखा जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय तो विचार देता है । विश्वविद्यालय एक प्रकार से थिंक टैंक होता है । एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना में हमें भारत के विकास में योगदान देना है । प्रो. सुरेश ने कहा कि हमें अपने देश को विकसित राष्ट्र बनाना है ।

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलगुरु प्रो. अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने कहा कि भारतवर्ष एक सांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में विख्यात है । संस्कृतियों को जोड़ने वाली महाशक्ति हमारी आध्यात्मिकता है । आध्यात्मिकता तत्व हम सबको जोड़ता है । हम एक हैं, उसकी अभिव्यक्ति सबमें में हो रही है । उन्होंने कहा कि भारत के विकसित राष्ट्र के निर्माण में मीडिया की बहुत अहम भूमिका है । प्रो. वाजपेयी ने कहा कि जब विधायिका, कार्यपालिका या न्यायपालिका भटक जाए तो मीडिया राह दिखाने का कार्य करती है । उन्होंने कहा कि असंतुलन, असमानता किसी भी जगह नहीं होनी चाहिए । आत्मावलोकन की बात करते हुए प्रो वाजपेयी ने कहा कि भारत के जन्म की कोई तिथि नहीं है ।
उन्होंने कहा कि हमें सबको साथ लेकर 2047 के विकसित भारत के लिए मिलकर प्रयास करना होगा और देश के लिए अपना योगदान देना होगा। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्रकाशन विभाग के निदेशक डॉ. राकेश पांडे द्वारा किया गया। द्रोणाचार्य कक्ष में आयोजित इस विशेष व्याख्यान में कुलसचिव प्रो. डॉ अविनाश वाजपेयी सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। व्याख्यान के पश्चात कुलगुरु प्रो. वाजपेयी ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया ।

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