नई दिल्ली । 37 साल बाद भी चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh)के इर्द-गिर्द ही किसान और किसान राजनीति (farmer politics)घूम रही है। देश की 50 लोकसभा और दो सौ विधानसभा सीटों (assembly seats)पर किसान और उसका प्रतिनिधित्व करने वाले जाट समुदाय का प्रभाव है। किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी ही नहीं करीब छह राज्यों के लिए मास्टर स्ट्रोक लगाया है।
कुछ दिन पहले ही जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया। इस पर नीतीश कुमार ने तत्काल प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया। शुक्रवार को भी ऐसा ही कुछ हुआ। सोशल मीडिया पर अज्ञातवास पर चल रहे रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने अपने दादा को भारत रत्न देने पर तत्काल कमेंट किया…दिल जीत लिया। एनडीए में जाने की चर्चाओं को विराम लगाते हुए जयंत का एक वीडियो भी प्रसारित हुआ जिसमें उन्होंने कहा…अब किस मुंह से इनकार करूं। मोदी की तारीफ करते हुए जयंत ने यह तक कहा कि प्रधानमंत्री देश की भावनाओं को समझते हैं। सम्मान करते हैं।
किसानों को साधा, सियासत पर नजरें
पश्चिमी उत्तर प्रदेश किसान पट्टी होने के साथ ही जाट लैड हैं। यहां की 14 लोकसभा सीटें किसी न किसी रूप से इसी से प्रभावित हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस पट्टी पर विपक्ष का सफाया कर दिया था क्योंकि तब मुजफ्फरनगर का दंगा महत्वपूर्ण कारक था। चौधरी अजित सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा था। 2019 में भाजपा आधी सीटों पर सिमट गई। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी किसान आंदोलन का साया था।
वेस्ट यूपी की 70 सीटों में भाजपा 40 सीटें जीती लेकिन सपा-रालोद गठबंधन के चलते उसको मुजफ्फरनगर में काफी नुकसान हुआ। रालोद ने आठ सीटें जीत ली। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा करके भाजपा ने जाट समाज और किसानों को साधा है। सर्वाधिक प्रभाव भारतीय किसान यूनियन के आंदोलन पर माना जा रहा है क्यों कि उसके ही मुद्दों पर लड़ने वाला रालोद एनडीए में जा रहा है।
जाट पट्टी पर बड़ा दांव
पक्ष-विपक्ष की राजनीति के केंद्र में आज भी चौधरी चरण सिंह ही रहते हैं। किसी पार्टी में हिम्मत नहीं जो इसके खिलाफ जाए। चौधरी चरण सिंह के साथ किसान भावनात्मक रूप से जुड़ा है। इसका लाभ ही रालोद को मिलता रहा है। अजित सिंह को पुत्र होने के नाते और जयंत को पोता होने के नाते। एनडीए में रालोद की हिस्सेदारी और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न का दोनों ही नजरिये से प्रभाव पड़ सकता है। मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा और अलीगढ़ मंडल इसमें शामिल हैं।
यूपी ही नहीं इन राज्यों में फायदा
चौधरी चरण सिंह को जाट समाज के सर्वमान्य नेता के रूप में मान्यता है। पंजाब में सबसे अधिक 38 फीसदी जाट आबादी है। हरियाणा में 31 फीसदी, राजस्थान में 20 फीसदी, दिल्ली में 10 से 12 फीसदी, मध्य प्रदेश में चार, गुजरात में आठ, उत्तराखंड में चार से पांच फीसदी जाट आबादी है। ऐसे में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देना मास्टर स्ट्रोक ही माना जा सकता है।
जाटलैंड में कहां कितनी लोकसभा, कितनी विधानसभा सीट
राज्य लोकसभा सीट विधानसभा सीट
हरियाणा 10 70
उत्तर प्रदेश 80 403
पंजाब 13 117
राजस्थान 25 200
दिल्ली 07 70
उत्तराखंड 05 70
कुल 140 950