असमंजस में कांग्रेस विधायक, क्यों याद आए सिंधिया?
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में जब से कमलनाथ के बीजेपी को ज्वाइन करने की खबरें सामने आई हैं, तभी से उनके कई करीबी टेंशन में आ गए हैं। सूत्रों की मानें तो कमलनाथ के करीबी कांग्रेस विधायक अभी उनके साथ बीजेपी में शामिल होने के लिए राजी नहीं हैं।
इसका उन्होंने कारण भी बताया है। कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब अपने साथ गए विधायकों का संरक्षण नहीं कर पाए तो कमलनाथ कैसे करेंगे।
उन्होंने कहा कि सिंधिया के समय कांग्रेस सरकार गिर रही थी। बीजेपी को कांग्रेस विधायकों की जरूरत थी। उस समय 2023 के विधानसभा चुनाव में कई विधायकों के टिकट कट गए। हाल ही में निगम मण्डल की सारी नियुक्तियों पर भी रोक लगा दी गई, जिसमें सिंधिया के 5 नेता एडजस्ट थे। ऐसी कई बातें हैं जिनसे असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि वो कमलनाथ का साथ दें या न दें। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि कमलनाथ अब अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। दूसरी तरफ उनके बेटे नकुलनाथ में इतनी क्षमता नहीं है की वो हमें संरक्षण दे सके।
वहीं, दूसरी तरफ कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ की भाजपा में जाने की अटकलों को उन्ही के करीबी दीपक सक्सेना ने पुख्ता कर दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार कमलनाथ की अपेक्षा की जा रही है। सोनिया गांधी से बात होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया। इसके अलावा कांग्रेस तीन राज्यों में चुनाव हारी। लेकिन उपेक्षा सिर्फ कमलनाथ की ही की जा रही है। ऐसी स्थिति में कमलनाथ असहाय और अपमानित महसूस कर रहे हैं।
बता दें, दीपक सक्सेना ने 2018 का विधानसभा चुनाव छिंदवाड़ा सीट से लड़ा था। वह चुनाव को जीत भी गए थे। लेकिन जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने, तब दीपक सक्सेना ने कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से अपना इस्तीफा दे दिया था। दीपक सक्सेना, कमलनाथ के बेहद करीबी माने जाते हैं। अब कमलनाथ क्या सच में कांग्रेस को छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इसी के साथ कांग्रेस के कुछ दिग्गजों ने इस खबर को गलत बताया है।
कांग्रेस के दिग्गत नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरी कमलनाथ से फोन पर बात हुई है। उन्होंने फिलहाल कांग्रेस छोड़ने का फैसला नहीं लिया है। उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी में कमलनाथ जी के जाने की उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए। जिस शख्स ने नेहरू परिवार के साथ खड़े होकर लड़ाई लड़ी है, ऐसा शख्स सोनिया गांधी और इंदिरा गांधी का परिवार छोड़ सकता है क्या? मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि उनकी कमलनाथ से बात हुई है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ेंगे। ये खबरें निराधार हैं।
क्या कांग्रेस से नाराज हैं कमलनाथ?
बता दें, कांग्रेस द्वारा प्रदेश अध्यक्ष से हटाए जाने से कमलनाथ नाराज थे। एमपी संगठन में हुए बदलाव से भी कमलनाथ नाखुश थे। जब राम मंदिर उद्घाटन में जाने से कांग्रेस ने इनकार किया तो भी कमलनाथ को ये बात रास नहीं आई। उन्होंने छिंदवाड़ा में भगवान राम के नाम के पर्चे बांटे थे। इसी के साथ कांग्रेस के बड़े कार्यक्रमों से भी दूरी बना ली थी। वहीं, कांग्रेस राज्यसभा उम्मीदवार अशोक सिंह के नामांकन से भी कमलनाथ ने दूरी बनाई थी।
नकुलनाथ ने हटाया X के बायो से कांग्रेस का नाम
वहीं, बात करें कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ की तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी का नाम अपने एक्स के बायों से हटा दिया है। कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा के 5 दिनों के दौरे पर थे लेकिन चार दिन पूरे करके बीच में ही उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला कर लिया। नकुलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं। पिछले कई दिनों से वो अपने क्षेत्र में जनता के बीच जा रहे हैं और लोगों से संपर्क कर रहे हैं।