पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी ने शुक्रवार को विधानसभा में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई। विद्युत मंत्री बिजेंद्र यादव ने विधानसभा में अपने विभाग का बजट पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने या कम से कम राज्य को “विशेष आर्थिक पैकेज” प्रदान करने पर विचार करने का आग्रह किया।
बिहार को विशेष दर्जा या विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग
2005 से ही यह मांग उठाते रहे हैं नीतीश मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा, “मैं इस सदन के माध्यम से प्रधानमंत्री से बिहार को विशेष दर्जा या विशेष आर्थिक पैकेज देने पर विचार करने का अनुरोध करता हूं। हमने अपने सीमित संसाधनों के साथ बहुत कुछ हासिल किया है। बहुत से लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था
राज्य में बिजली क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं क्योंकि ऊर्जा के तीन स्रोत- पानी, हवा और सूर्य की रोशनी यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।” यह पहली बार है कि जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के एक महीने पहले भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में लौटने के बाद से विशेष दर्जे की मांग उठाई गई है। कुमार 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही यह मांग उठाते रहे हैं। हालांकि, मोदी सरकार ने तर्क दिया है कि विशेष श्रेणी का दर्जा देना अब संभव नहीं है क्योंकि 14वें वित्त आयोग ने उस प्रावधान को ख़त्म कर दिया था जब कांग्रेस के नेतृत्व वाला संप्रग केंद्र में सत्ता में था। राजग में लौटने से पहले नीतीश कुमार विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में थे और तब उन्होंने नए जोश के साथ इस मांग को पुनर्जीवित किया था। तब उन्होंने भाजपा विरोधी ‘इंडिया’ गठबंधन के सत्ता में आने पर न केवल बिहार बल्कि “सभी पिछड़े राज्यों” को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया था। यादव ने जब यह मांग फिर से उठाई, तो उनके बगल में बैठे लोगों में नीतीश कुमार के साथ-साथ वरिष्ठ भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी शामिल थे।