Saturday, November 23, 2024
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मुश्किल में फंसती जा रही IAS पूजा खेडकर, UPSC ने महाराष्‍ट्र सरकार को लिखा पत्र, ये मांगी डिटेल

2023-batch trainee IAS officer Puja Khedkar used OBC quota for MBBS  admission as well: Sources - BusinessToday

नई दिल्‍ली । ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। अब यूपीएससी भी पूजा खेडकर के खिलाफ जांच में जुट गया है। यूपीएससी ने महाराष्ट्र सरकार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने पूजा की जाति और दिव्यांग सर्टिफिकेट को लेकर रिपोर्ट मांगी है। ऐसा आरोप है कि पूजा खेडकर ने आईएएस में स्थान पाने के लिए गलत सर्टिफिकेट जमा किए हैं। मामले से अवगत अधिकारियों ने बताया कि यूपीएससी ने 12 जुलाई को प्रदेश सरकार को चिट्ठी लिखी है। इसके अलावा ने वह पेपर्स जुटाने के लिए भी कहा है जिससे पूजा के माता-पिता के तलाक के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सके। पूजा ने ओबीसी के तहत ईडब्लूएस कोटे के तहत अप्लाई किया था और उनका कहना है कि उन्हें पिता की आय के बारे में जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि अधिकारों के दुरुपयोग और नियमों को तोड़ने के आरोप में पूजा खेडकर का ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया है।

अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर भी आयोग को गुमराह किया

बता दें कि जांच में पाया गया है कि पूजा खेडकर ने सर्विस में आने के लिए कई दिव्यांग सर्टिफिकेट हासिल किए थे। इनमें से एक रिजेक्ट भी हो गया था। ट्रेनी आईएएस ने अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर भी चयन आयोग को गुमराह किया है। पूजा ने 2022 में अहमदनगर जिला स्थित पथार्दी के एसडीएम से नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट भी हासिल किया था। इसके जरिए उन्होंने ओबीसी कोटा में आईएएस की नौकरी पाई। गौरतलब है कि नॉन क्रीमी लेयर का सर्टिफिकेट उन ओबीसी उम्मीदवारों को जारी किया जाता है, जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रुपए से कम होती है। लेकिन पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल एफिडेविट में अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई है। वह अहमदनगर से वीबीए के उम्मीदवार थे।

अपने पिता की आय के बारे में जानकारी नही

पूजा खेडकर का दावा है कि उन्हें अपने पिता की आय के बारे में जानकारी नहीं है। इसकी वजह यह बताई गई है कि उनके पिता और मां मनोरमा का 2003 में तलाक हो गया था। लेकिन उनका यह दावा भी झूठ साबित होता दिखाई दे रहा है, क्योंकि पूजा के पिता ने लोकसभा चुनाव के अपने एफिडेवट में अपनी पत्नी की संपत्ति की भी जानकारी दी है। इतना ही नहीं, इसमें ऐसा भी कोई संकेत नहीं है कि उनका तलाक हो चुका है।

पहली बार विजुअल इंपेयरमेंट का दिव्यांगता सर्टिफिकेट मिला

अब बात करते हैं पूजा के दिव्यांगता सर्टिफिकेट्स की। साल 2018 में अहमदनगर जिले से पूजा को पहली बार विजुअल इंपेयरमेंट का दिव्यांगता सर्टिफिकेट मिला था। तीन साल बाद 2021 में पूजा को इन्हीं अधिकारियों ने मानसिक बीमारी का सर्टिफिकेट दिया। अहमदनगर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर संजय घोगारे के मुताबिक हमारे ऑफिस से पूजा खेडकर को जारी सभी सर्टिफिकेट्स ओरिजिनल हैं। सभी जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही यह सर्टिफिकेट्स जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूजा को कुल 51 फीसदी दिव्यांगता है। दोनों दिव्यांगताओं को जोड़कर वह पता किया जा रहा है। सिविल सर्जन का कहना है कि पूजा 40 फीसदी विजुअली इंपेयर्ड और 20 फीसदी मानसिक बीमार है।

हालांकि 2022 में पिंपरी के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल हॉस्पिटल से जारी एक अन्य सर्टिफिकेट कुछ और कहानी कहता है। इसके मुताबिक पूजा को लेफ्ट लोअर लिम्ब में 7 फीसदी लोकोमोटर डिसेबिलिटी है। सरकारी नियमों के मुताबिक सरकारी नौकरी में दिव्यांगता कोटे के लिए कम से कम 40 फीसदी दिव्यांग का कोटा चाहिए। वाईसीएमएच के डीन डॉक्टर राजेंद्र वबाले का कहना है कि पूजा को मात्र 7 फीसदी दिव्यांगता का सर्टिफिकेट मिला था, जो 40 फीसदी के क्राइटेरिया को पूरा नहीं करता। पूजा ने औंध गवर्नमेंट हॉस्पिटल में एक अन्य लोकोमोटर डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया था, जिसे रिजेक्ट कर दिया। औंध गवर्नमेंट हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉक्टर नागनाथ येम्पाले ने बताया कि इसके पीछे वजह यह थी कि उन्होंने पहले दिव्यांगता सर्टिफिकेट्स के लिए अप्लाई कर रखा था।

प्रमाण पत्र में पूजा की कुल दिव्यांगता 51 फीसदी

अहमदनगर के जिला कलेक्टर एस सालिमाथ ने कहा कि उन्होंने ट्रेनी आईएएस के सभी दिव्यांगता सर्टिफिकेट्स वेरिफाई किए हैं। यह दिखाता है कि पूजा की कुल दिव्यांगता 51 फीसदी है। उन्होंने बताया कि विस्तृत रिपोर्ट डिविजनल कमिश्नर को भेजी जाएगी। अहमदनगर के एक जिला अधिकारी ने बताया कि 2018 से 2021 के बीच पूजा को दिव्यांगता सर्टिफिकेट जारी करने में पांच डॉक्टर शामिल हैं। इनमें से दो रिटायर हो चुके हैं, जबकि तीन अहमदनगर जिलरा मेडिकल विभाग में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने तीनों डॉक्टरों से भी बयान मांगा है।

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