बनासकांठा (गुजरात) . कांग्रेस नेता प्रियंका गाधी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. पीएम मोदी खुद शहंशाह हैं लेकिन मेरे भाई को शहजादा बोलते हैं. मैं बताना चाहती हूं कि मेरे भाई 4,000 किमी. पैदल चले, देश के लोगों से मिले और उनसे पूछा कि आपके जीवन में क्या समस्याएं हैं? एक तरफ शहंशाह नरेंद्र मोदी महलों में रहते हैं. वह किसानों, महिलाओं की मजबूरी कैसे समझ पाएंगे?
प्रियंका ने कहा कि नरेंद्र मोदी सत्ता से घिरे हुए हैं. उनके आसपास के लोग उनसे डरते हैं. उनको कोई कुछ नहीं कहता है. अगर कोई आवाज उठा भी ले, तो उस आवाज को दबा दिया जाता है. आज के प्रधानमंत्री की कार्यशैली देखिए. गुजरात ने पीएम मोदी को सम्मान दिया, स्वाभिमान दिया और उनको सत्ता दी, लेकिन वे केवल बड़े-बड़े लोगों के साथ दिखते हैं. क्या आपने पीएम मोदी को किसी किसान से मिलते देखा है? किसान काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन करता है. सैकड़ों किसान शहीद होते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री उनसे मिलने तक नहीं जाते. फिर जैसे ही चुनाव आता है और उन्हें लगता है कि हमें वोट नहीं मिलेगा, तब पीएम मोदी कानून बदल देते हैं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कई बीजेपी नेताओं ने कहा है कि अगर बीजेपी चुनाव जीतती है तो संविधान बदल दिया जाएगा. इसलिए, संविधान को समझना महत्वपूर्ण है और यह आपके जीवन को कैसे प्रभावित करता है. संविधान से आपको अधिकार मिलते हैं. सबसे बड़ा अधिकार वोट डालने का है. संविधान ने आरक्षण के साथ-साथ नागरिकों को सवाल करने और आंदोलन करने का भी अधिकार दिया है. यह अधिकार देश में किसान, मजदूर, गरीब, मंत्री सभी को दिया गया है. इसलिए जब भाजपा के लोग कहते हैं कि संविधान बदला जाएगा, तो मतलब साफ है कि ये लोगों से उनका अधिकार छीनना चाहते हैं.
प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी गुजरात की जनता को अब नहीं पहचानते हैं. अगर वह गुजरात की जनता से कटे नहीं होते, तो यहां से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं क्योंकि मोदी का आपसे जो फायदा निकलना था, उन्होंने अपना फायदा निकाल लिया. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी गुजरात की जनता को भूल चुके हैं. आपने उन्हें बड़े-बड़े मंचों पर पूंजीपतियों और दूसरे देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों के साथ देखा होगा. लेकिन, क्या आपने कभी उन्हें किसी किसान या गरीब के घर जाते देखा है? अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पीएम मोदी कभी किसी गरीब के घर नहीं गए.