लखनऊ । 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। वही इसको लेकर देश में भी बहुत उत्साह है। वही इस बीच मुख्यमंत्री योगी ने राम मंदिर में लगी रकम को लेकर बयान सामने आया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि राम मंदिर निर्माण के लिए कहां से धनराशि आई है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कारसेवकों ने बलिदान दिया। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शन था, विश्व हिंदू परिषद का नेतृ्त्व का था तथा आशीर्वाद पूज्य संतों का था। उस आंदोलन में रामजन्मभूमि में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसमें एक पाई भी सरकार ने नहीं दिया है। पैसा न केंद्र की सरकार ने ही दिया और न ही प्रदेश की सरकार ने। ये सारा का सारा पैसा रामभक्तों ने देश भर से दिया है, दुनिया भर से दिया है।
ये बातें योगी ने मीडिया से चर्चा में कहीं। उन्होंने राम मंदिर के बाहर के इंफ्रास्टेक्चर, जैसे रेलवे स्टेशन का काम, हवाईअड्डे का निर्माण, गेस्ट हाउस बनाने का काम, क्रूज सेवा, सड़क का चौड़ीकरण, पार्किंग की सुविधा। ऐसे कामों पर सरकार काम कर रही है। ये सब काम सरकार की पॉलिसी के तहत हो रहा है। उन्होंने अक्षत बांटने पर कहा कि जो राम भक्त सहयोग दे रहे हैं उन्हें न्योता भी नहीं मिलना चाहिए। वही अयोध्या आकर श्रीरामलला का दर्शन करने वाले भक्तों का आंकड़ा बढ़ने के साथ मंदिर में चढ़ावा भी खूब आ रहा है।
श्रद्धालु दिल खोल कर दान कर रहे हैं। यहां प्रतिदिन तीन से चार लाख रुपये दान आ रहा है। वही बात यदि महीने की करें तो यह डेढ़ से दो करोड़ रुपये तक पहुंच रही है। ऑनलाइन दान की अभी तक कोई गिनती नहीं की जा सकी है। कहा जा रहा है कि 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे। वे यहां प्रभु श्रीराम का दर्शन पूजन करेंगे और अपने श्रद्धा भाव से श्रीराम मंदिर के लिए दान भी करेंगे। अस्थाई मंदिर में भी रामलला के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले भक्तों का आंकड़ा बहुत बढ़ा है।