नई दिल्ली । वॉन ने डीआरएस फैसले की आलोचना की है, लेकिन उनका मानना है कि यह कारण नहीं है कि इंग्लैंड पांच मैचों की सीरीज में 1-2 से पिछड़ रहा है और चौथा टेस्ट भी मेजबान टीम की तरफ झुका हुआ है। द टेलीग्राफ के लिए अपने कॉलम में वॉन ने लिखा कि इंग्लैंड को लग सकता है कि बड़े फैसले उसके खिलाफ गए हैं, लेकिन उन्होंने ठोस शुरुआत के बाद राजकोट और रांची दोनों में खेल को फिसलने दिया है।
डीआरएस को लेकर वॉन का बयान
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इंग्लैंड ने इस सीरीज में कुछ ज्यादा ही रोना गाना दिखाया है। हां, कुछ अजीब दिखने वाले फैसले हुए हैं। ओली पोप के खिलाफ पिछले दो टेस्ट मैचों में पहली पारी में कुछ कड़े एलबीडब्ल्यू के फैसले लिए गए। जैक क्राउली के साथ भी कुछ एक बार ऐसा हुआ। कुलदीप यादव ने उन्हें विशाखापत्तनम में एल्बीडब्ल्यू में फंसाया था और राजकोट में मैच रेफरी को बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम को यह समझाते हुए देखा गया कि स्क्रीन पर दिखाई गई तस्वीरों में थोड़ी गलती हुई थी।’
इंग्लिश बल्लेबाजों पर बरसो वॉन
वॉन ने लिखा- मैं समझता हूं कि एक बड़ी टेस्ट सीरीज के बेहद दबाव वाले माहौल में दुनिया ऐसा महसूस कर सकती है कि यह आपके खिलाफ है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इंग्लैंड इस खेल या इस सीरीज में खुद को इस स्थिति में डीआरएस की वजह से पाया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राजकोट की तरह मैच के तीसरे दिन, इंग्लिश टीम ने खेल को फिसलने दिया। उन्हें इस बारे में गहन सोच विचार की जरूरत है कि ऐसा क्यों हो रहा है, और यह वास्तव में डीआरएस के कारण नहीं है। भले ही जो रूट एक बहुत ही महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं और दूसरी पारी में उनका निर्णय बहुत मामूली था।
मैच में क्या हुआ?
मैच की बात करें तो इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 353 रन बनाए थे। जवाब में भारत की पहली पारी 307 रन पर समाप्त हुई थी। ध्रुव जुरेल की बेहतरीन 90 रन की पारी और यशस्वी जायसवाल ने 73 रन की शानदार पारी ने भारत को इस स्कोर तक पहुंचाया। जुरेल ने कुलदीप के साथ 76 रन और आकाश दीप के साथ 40 रन की साझेदारी निभाई थी। इंग्लैंड की टीम दूसरी पारी में 46 रन की बढ़त के साथ उतरी थी। इसके बाद इंग्लैंड की दूसरी पारी 145 रन पर सिमट गई थी और भारत को 192 रन का लक्ष्य मिला।