नई दिल्ली. टीम इंडिया ने 17 सालों के हर भारतीय के इंतजार को खत्म कर दिया. टीम इंडिया एक बार फिर टी20 विश्वकप विजेता बन गई. ब्रिजटाउन में टीम इंडिया की जीत तय होते ही भारत के शहरों और कस्बों में पटाखे फूटने लगे. शोर-गुल होने लगा. युवा जोर-जोर से इंडिया-इंडिया चिल्लाने लगे. यह सब तब हुआ जब रात के करीब साढ़े ग्यारह बज रहे थे. जो टीवी पर मैच पर देख रहे थे, वे तो माजरा समझ गए लेकिन जो क्रिकेट से दूर रहते हैं वे एक पल को सकपका गए. उन्हें समझ नहीं आया कि आखिर हुआ क्या? आधी रात को दिवाली सा माहौल क्यों हो गया. इस माहौल में शोर-शराबा क्यों हो रहा है. जब लोग घरों से बाहर निकले तो समझ आया ये जश्न तो भारत के टी20 में विश्वविजेता बनने का है.
छतों और बालकनी से झांकने पर पता चला कि इंडिया ने मैच जीता है. वह भी वर्ल्डकप का. यह नजारा किसी एक शहर और कस्बे तक सीमित नहीं था. भारत के हर शहर और कस्बे का यही हाल था. नोएडा के तो तमाम अपार्टमेंट्स में लोग बालकनी में आकर थाली बजाने से लेकर शंख बजाने लगे. कुछ लोगों ने देशभक्ति के गीत फुल साउंड में लगा दिए. पटाखे फोड़ने वाले युवाओं की टोली के तो क्या ही कहने थे. ऐसा लग रहा था कि दीवाली आज ही मना कर दम लेंगे. जो लोग यह सब न कर सके वे जोर-जोर से इंडिया-इंडिया चिल्ला कर अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे थे. कुछ ऐसे भी थे, जो दीवाली में लगी अपनी बालकनी की लाइटों को जलाकर खुशी में शामिल होने का गौरव महसूस कर रहे थे.
यह सब हुआ भारत की क्रिकेट टीम की वजह से. उनके जज्बे, हौसले और खेल को सलाम करने के लिए पूरा भारत आधी रात जाग खड़ा हुआ. हर कोई इस खुशी के मौके में खुद को शामिल करना चाहता था. चाहे वह जालंधर हो या अगरतला. चाहे वह कोलकाता हो या मुंबई. चाहे वह चेन्नई हो या पटना. हर तरफ खुशी का माहौल…हर तरफ गौरव का एहसास दिखा. गरीब से अमीर को भारत की क्रिकेट टीम ने खुश कर दिया. दुनिया के अमीर लोगों में शुमार गौतम अदाणी से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक…राहुल गांधी से लेकर राष्ट्रपति तक, उत्तर से लेकर दक्षिण भारत और पूरब से लेकर पश्चिम भारत तक हर किसी की जुबान पर विश्वविजेता टीम की तारीफ थी. हर कोई उस जीत में गौरव का एक एहसास कर रहा था.