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योग विद्या ही नहीं विज्ञान है, यह एकाग्रता लाने में सहायक : PM मोदी

भोपाल ! मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में योगाभ्यास किया और कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विशिष्ट अतिथिगण और उपस्थित विद्यार्थियों एवं नागरिकों के साथ योग अभ्यास किया। योग दिवस में प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित थे। इनमें भोपाल संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री आलोक शर्मा, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, विधायक श्री भगवान दास सबनानी, भोपाल नगर निगम के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री राघवेंद्र कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आयुष और स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, जनसंपर्क आयुक्त श्री संदीप यादव शामिल हुए। इस कार्यक्रम से प्रदेशभर में मंत्रिगण, सांसद, विधायक और आमजन जुड़े।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का संबोधन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा श्रीनगर से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस : 2024 को दिए गए संबोधन का श्रवण किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि योग से व्यक्ति को शक्ति मिलती है। योग विद्या ही नहीं विज्ञान है। यह एकाग्रता लाने में सहायक है। मन की ताकत को बढ़ाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पूरे विश्व के योग प्रेमियों को और दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्रसंघ में 10 वर्ष पूर्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को विश्व के 177 देशों ने समर्थन दिया था। योग से जुड़े नए-नए रिकार्ड बन रहे हैं। योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। जेलों में भी कैदियों द्वारा योग किया जा रहा है। योग की यह प्रेरणा मनुष्य के सकारात्मक प्रयासों को ऊर्जा देती है। अनेक देशों में योग जीवन का हिस्सा बन चुका है। वयोवृद्ध लोग भी योग कर रहे हैं। विश्वविद्यालयों में योग पर शोध कार्य हो रहे हैं। अन्य देशों के पर्यटक भारत में योग शिक्षण-प्रशिक्षण के उद्देश्य से आते हैं। आज बाजार में भी योगाभ्यास और फिटनेस के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं। कार्यक्रम को केंद्रिय आयुष राज्यमंत्री श्री प्रताप राव जाधव ने भी संबोधित किया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने बनाया योग को लोकप्रिय – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि योग का अर्थ जुड़ाव है। मन और आत्मा का जुड़ाव। आत्मा का चेतना से जुड़ाव और हमारे खान-पान, रहन-सहन और आचार-विचार से भी योग का संबंध है। इस नाते योग से इस वर्ष श्रीअन्न को भी जोड़ा गया है। योग को लोकप्रिय बनाने के प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयास भलीभूत हो रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ में योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसे सर्वानुमति से सभी राष्ट्रों ने स्वीकार किया। भारतीय संस्कृति की ध्वजा लहराई। यह भारत की उज्जवल, गरिमापूर्ण, गौरवपूर्ण संस्कृति और हजारों साल से चली आ रही आहार शैली को भी समर्थन था। शारीरिक दक्षता के लिए जहां योग की जरूरत है वहीं आहार भी आवश्यक है। हम सौभाग्यशाली हैं कि भारतीय आहार शैली को फिर से लोकप्रिय बनाने का कार्य हो रहा है। हमारी पूजा पद्धति में गेहूँ का स्थान नहीं है बल्कि चावल और अन्य मोटे अनाज उपयोग में लाये जाते हैं। यह सनातन संस्कृति का हिस्सा है। योग की अलग-अलग पद्धतियां रही हैं। समय-समय पर महान योगाचार्य हुए हैं। वैदिक काल से लेकर पतंजलि काल तक योग की मौजूदगी के प्रमाण मिलते हैं। इसमें ध्यान, धारणा और समाधि आदि समाहित हैं। आज योग पूरी दुनिया में फैल गया है।

मध्यप्रदेश में योग आयोग, आनंद विभाग और आयुष चिकित्सा पद्धति को महत्व

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में योग आयोग के गठन के बाद योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। योग शिक्षकों को अन्य विषयों के शिक्षकों की तरह महत्व मिल रहा है। आनंद विभाग भी गठित किय़ा गया है। इस दिशा में कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। आयुर्वेद की दृष्टि से भी अहम फैसले लिए गए हैं। प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोलने का निर्णय़ इसी कड़ी में लिया गया है। मध्यप्रदेश की समृद्ध वन संपदा की दृष्टि से आयुर्वेद के क्षेत्र में मध्यप्रदेश नवीन आयुर्वेदिक महाविद्यालयों के माध्यम से पूरे देश का ध्यान आकर्षित करेगा।

प्रदेश में श्रीअन्न उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोदो-कुटकी सहित सभी तरह के मोटे अनाज अर्थात श्रीअन्न के उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया है। करीब छह माह पूर्व जबलपुर में मंत्रिपरिषद की बैठक में पहला फैसला श्रीअन्न के प्रोत्साहन पर लिया गया था। महाकौशल अंचल में बहुतायत से श्रीअन्न का उत्पादन होता है। किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से श्रीअन्न का महत्व हम सभी कोरोना काल में ही समझ चुके हैं। व्यक्ति आहार, विचार और व्यवहार के स्तर पर नियमित रहकर दीर्घायु प्राप्त कर सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीअन्न संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में इस अभियान के अंतर्गत संचालित की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को दो किसानों ने श्रीअन्न बीज के पैकेट भेंट किए। श्री संतोष मीना और श्री श्याम सिंह कुशवाहा ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को कार्यक्रम में ये पैकेट प्रदान किए। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने किसानों द्वारा श्रीअन्न के उपयोग की सराहना की।

सामूहिक योग अभ्यास

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उपस्थित जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री निवास परिसर में योगाभ्यास किया। अनेक आसन और श्वांस से जुड़े अभ्यास किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपस्थित विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी और नियमित रूप से योग करने का आग्रह किया।

प्रमुख सचिव आयुष एवं स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष योग दिवस पर “योग स्वयं और समाज के लिए” थीम निर्धारित की गई है।

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