पालघर : भाजपा की केंद्रीय मंत्री व दहानू की बहू स्मृति ईरानी को लेकर रविवार को कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्त्ताओ के सड़क पर उतरने से कुछ समय के लिए दहानू का माहौल तनाव पूर्ण हो गया था. लेकिन दहानू पुलिस की सूझबूझ से संघर्ष टल गया. अगर पुलिस थोड़ा चूक जाती तो कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्त्ताओ में संघर्ष अटल था.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन द्वारा देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को लेकर दिए गए विवादित व्यान के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच शुरू हुआ विवाद अब संसद से सड़क पर आचुका है.
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वही रविवार को स्मृति ईरानी के विरोध में उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस ने कांग्रेस की राज्य महिला अध्यक्ष संध्याताई सव्वालाखे की अगुवाई में दहानू रेलवे स्टेशन (पूर्व ) से पद यात्रा निकाला था. लेकिन इसकी जानकारी मिलते ही दहानू के भाजपा के नगराध्यक्ष भरत राजपूत समेत बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी पुलिस बल के साथ स्मृती इराणी के घर की सुरक्षा और कांग्रेसियों को घर पर जाने से रोकने के लिए सड़क पर उतर गए थे.तनाव पूर्ण माहौल को देखते हुए दहानू के पुलिस निरीक्षक नामदेव बंडगर और पुलिस कर्मियों ने कांग्रेस के लोगों को बैरेकेटिंग करके उन्हें बीच में ही रोक लिया. नही तो स्मृती इरानी के घर के बाहर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओ बड़ा संघर्ष हो जाता था.
इस दौरान संध्याताई सव्वालाखे ने स्मृती ईरानी पर हमला बोलते हुए कहा की इनकी बेटी वियर बार चलाती है,वह हमारी पार्टी की मुखिया मा.सोनिया गाँधी के साथ धक्का मुक्की करती है.एक महिला होने के नाते उन्हें शोभा देता है. शिरियल में नौटंकी करने वाली अब यहा नौटंकी कर रही है. हम इसे बर्दास्त नही करेंगे जरुरत पड़ी तो दिल्ली में भी मोर्चा निकाले गे और उनका हाथ पकड़ कर उनसे जबाब मांगेगे.
जबकि नगराध्यक्ष भरत राजपूत का कहना था स्मृति ईरानी ,हमारी आदर्श है ,हमारी राष्ट्रीय नेता और दहानू की बहु है. अगर उनके घर पर कोई हमला करेगा मोर्चा निकाले गा तो हम लोग बर्दास्त नही करेंगे. कांग्रेस खुद गलती करती है और उसका सारा दोष स्मृति ईरानी पर लगाती है यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र है.