अबूधाबी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दौरे के बीच भारत और यूएई के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के दस समझौते किए हैं। इन समझौतों में क्षेत्रों में ऊर्जा, आधारभूत ढांचा, निवेश और प्रबंधन के क्षेत्र हैं। इन समझौतों से दोनों देशों के संबंधों में और ज्यादा प्रगाढ़ता आई है। समझौतों के बारे में भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कही है।
अबू धाबी में प्रेस कान्फ्रेंस में क्वात्रा ने कहा कि भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय कारोबार 85 अरब डालर के करीब पहुंच चुका है। इतना ही नहीं यूएई भारत में सबसे ज्यादा निवेश करना वाला चौथा देश है। हमारे संबंधों का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद ने मंगलवार को हवाई अड्डे पर आकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया था। इसके बाद दोनों नेताओं ने आपस में बात की और उसके बाद प्रतिनिधिमंडलों के जरिये बात हुई।
विदेश सचिव ने बताया कि जो समझौते हुए हैं उनसे भारत में ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी और स्वच्छ ऊर्जा को विकसित करने में सहायता मिलेगी। दोनों देशों के बीच ग्रीन हाइड्रोजन के भंडारण का भी समझौता हुआ है। दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए शोध में भी सहयोग करेंगे। दोनों देश भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के विकास के लिए भी सहयोग करेंगे। दोनों देश मिलकर आपूर्ति व्यवस्था को भी सुदृढ़ करेंगे जिससे उत्पादों का लागत मूल्य कम होगा और वस्तुएं जल्द उपलब्ध होंगी।