नई दिल्ली। सोमालिया के पूर्वी तटीय क्षेत्र में तैनात भारतीय नौसैनिक युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने एक ही दिन में दूसरी बार ये कारनामा किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सोमालिया के पूर्वी तटीय क्षेत्र में तैनात एक भारतीय नौसैनिक युद्धपोत ने ईरान के झंडे वाले एक जहाज और उसके चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित रिहा कराया जिसका कुछ समुद्री लुटेरों ने अपहरण कर लिया था। नौसेना ने बताया कि भारतीय नौसेना ने कल रात जहाज से मिली अपहरण की सूचना पर फौरन कार्रवाई की।
19 पाक नागरिकों को बचाया
बता दें कि इस अभियान के कुछ ही घंटे पहले सोमाली समुद्री डाकुओं ने एक और ईरानी झंडा लगे मछली पकड़ने वाले जहाज, एफवी इमान को हाइजैक कर लिया था। इसके बाद नौसेना ने आईएनएस सुमित्रा को मदद के लिए भेजा। अभियान के दौरान भारतीय नौसैनिकों ने जहाज और उसके चालक दल के 17 सदस्यों (सभी ईरानी) को सुरक्षित रिहा कराया था। भारतीय नौसेना ने कहा कि इस अभियान के कुछ देर बाद उसके युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा को फिर से जहाज को हाइजैक करने के संबंध में सूचना मिली। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए आईएनएस सुमित्रा ने हाइजैक जहाज का पता लगाया। इस पर समुद्री डाकू सवार थे। उन्होंने 19 पाकिस्तानी नागरिकों को बंधक बनाया हुआ था।
नौसैनिकों ने बड़ी ही मुस्तैदी से कार्रवाई को अंजाम दिया और बंधक बनाए गए 19 पाकिस्तानी नागरिक चालक दल के सदस्यों को बचा लिया। युद्धपोत ने नाव के साथ चालक दल की सुरक्षित रिहाई के लिए समुद्री डाकुओं को घुटने टेकने पर मजूबर कर दिया और नाव के साथ सभी 19 चालक दल के सदस्यों की सफल रिहाई सुनिश्चित की। नौसेना ने इस अभियान की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें लुटेरों को बंधक दिखाया गया है।
नौसेना ने अपने बयान में कहा, “आईएनएस सुमित्रा ने 36 घंटे से भी कम समय में अपने तेज, निरंतर और अथक प्रयासों से कोच्चि के लगभग 850 नॉटिकल मील पश्चिम में दक्षिणी अरब सागर में 36 चालक दल (17 ईरानी और 19 पाकिस्तानी) के साथ दो हाइजैक मछली पकड़ने वाले जहाजों को बचाया है और उनका दुरुयोग होने से रोका।” बता दें कि कॉमर्शियल जहाजों पर डकैती डालने के लिए ये लुटेरे इसी तरह के हाइजैक किए हुए मछली पकड़ने वाले जहाजों का इस्तेमाल करते हैं। इन जहाजों को ‘मदर शिप’ कहते हैं।
इससे पहले नौसेना प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हिंद महासागर क्षेत्र में लुटेरों को खदेड़ने और समुद्री सुरक्षा अभियानों में भारतीय नौसैनिक युद्धपोतों की तैनाती समुद्र में सभी जहाजों और नाविकों की सुरक्षा के प्रति भारतीय नौसेना के दृढ़संकल्प को दर्शाती है।’’ इससे दो दिन पहले भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम ने एक वाणिज्यिक तेल टैंकर जहाज पर लगी आग को बुझा दिया था जिस पर भारतीय चालक दल के 22 सदस्य सवार थे। इस पर अदन की खाड़ी में एक मिसाइल से हमला किया गया था।
भारत ने तैनात किए 10 युद्धपोत
गौरतलब है कि आईएनएस सुमित्रा को इस समय समुद्री डकैती-रोधी अभियानों के लिए सोमालिया के पूर्वी तट और अदन की खाड़ी में तैनात किया गया है। हाल के सप्ताहों में अरब सागर सहित दूर से समुद्री इलाकों में जहाजों पर हमले बढ़े हैं। वहीं लाल सागर में भी तनाव बढ़ गया है और अदन की खाड़ी और सोमाली तट पर समुद्री डकैती फिर से बढ़ गई है। बढ़ते खतरों के मद्देनजर नौसेना ने अरब सागर में निगरानी बढ़ा दी है और लगभग 10 युद्धपोतों को तैनात किया है। समुद्री निगरानी विमान पी-8आई, रिमोट से चलने वाला विमान सी गार्डियन, डोर्नियर, हेलीकॉप्टर और तट रक्षक जहाज क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा हैं।
अचानक बढ़े हमले
हाल की घटनाओं ने अरब सागर में समुद्री डकैती को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। इस क्षेत्र में समुद्री डाकुओं के हमले 2008 और 2013 के बीच चरम पर थे, लेकिन क्षेत्र में दुनिया के अन्य देशों के सहयोग और ठोस प्रयासों के कारण इसके बाद लगातार गिरावट आई। हिंद महासागर को लेकर यूरोपीय संघ नौसेना बल (EUNAVFOR) ऑपरेशन अटलंता द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2008 से 2013 के दौरान इस क्षेत्र में लगभग 700 समुद्री डाकुओं के हमले हुए थे, लेकिन 2014-19 के दौरान यह आंकड़ा घटकर मात्र 16 रह गया। पिछले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में समुद्री डकैती का पहला प्रयास दिसंबर 2023 में दर्ज किया गया था।