नई दिल्ली । इजराइल और हमास की जंग के बीच अमेरिका अब फंस चुका है। सीरिया से लेकर इराक और अब जॉर्डन में भी अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले हो रहे हैं। जॉर्डन में पिछले सप्ताह एक ड्रोन हमले में अमेरिकी सेना के तीन जवान मारे गए थे और कम से कम 40 अन्य जवान घायल हो गए थे।
बाइडेन ने इसका बदला लेने की कसम खाई
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसका बदला लेने की कसम खाई थी। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमेरिका और ईरान के बीच कभी भी संघर्ष बढ़ सकता है। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा था कि वह हाल में हुए हमलों का जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं और ईरान के समर्थन वाले लड़ाकों के खिलाफ हमले का प्लान बना चुके हैं।
अमेरिका के सख्त रुख पर अब ईरान की भी प्रतिक्रिया आई
अमेरिका के सख्त रुख पर अब ईरान की भी प्रतिक्रिया आई है। ईरान ने कहा है कि यदि उनके जहाजों पर ईरान की समुद्री सीमा के बाहर हमला होता है, तो उसे ईरान अपने ऊपर हमला समझेंगे और जवाबी हमला करेंगे। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख ने कहा है कि देश अमेरिका के साथ युद्ध से नहीं डरता है। आईआरजीसी के कमांडर-इन-चीफ, मेजर जनरल होसैन सलामी ने कहा, “हमने ईरान को निशाना बनाने के बारे में अमेरिकी अधिकारियों से कुछ धमकियां सुनी हैं। हम उनसे कहते हैं कि आपने हमें आजमाया हुआ है।
हम युद्ध की आशा नहीं करते लेकिन हम उससे डरते नहीं
ईरानी अधिकारी ने कहा, “हम एक-दूसरे को जानते हैं। हम किसी भी खतरे को बिना जवाब दिए नहीं छोड़ते और हम युद्ध की आशा नहीं करते हैं। लेकिन हम उससे डरते नहीं हैं। यह सर्वविदित सत्य है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत अमीर सईद इरावानी ने कहा था कि ईरान पर किसी रूप में यदि हमला होता है तो इस्लामिक रिपबल्कि इसका जरूर जवाब देगा। इरावानी ने इस बात से भी इनकार किया कि ईरान और अमेरिका ने पिछले कुछ दिनों में मध्यस्थों के माध्यम से या सीधे किसी भी संदेश का आदान-प्रदान किया था।