नई दिल्ली । अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ महीनों चली लंबी चर्चा के बाद भारत के साथ 3.9 बिलियन डॉलर के ड्रोन सौदे पर अपनी आपत्ति हटा ली है. इस दौरान भारत ने आश्वासन दिया है कि वह अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू कांड की जांच करेगा।
बाइडेन प्रशासन के आश्वासन के बाद विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष बेन कार्डिन ने सौदे पर अपनी आपत्तियां दूर कर दी. इस कदम के बाद विदेश विभाग ने अमेरिकी कांग्रेस को सूचित किया कि अमेरिका सरकार 3.9 बिलियन डॉलर की अनुमानित लागत पर भारत को 31 सशस्त्र ड्रोन बेचने पर सहमत हुई है।
निगरानी के काम आएंगे ड्रोन
सौदे के तहत भारत को 31 हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) यूएवी मिलेंगे, जिनमें से नौसेना को 15 सीगार्जियन ड्रोन मिलेंगे, वहीं थल सेना और भारतीय वायु सेना को 8-8 ड्रोन का भूमि संस्करण स्काईगार्जियन मिलेंगे. इनसे पहाड़ी और समुद्री क्षेत्रों में भारत को निगरानी रखने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक एक बयान में डेमोक्रेट कार्डिन ने कहा कि उन्होंने सौदे को तभी मंजूरी दी जब बिडेन प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया कि भारत सरकार पन्नू हत्या की साजिश में अपनी संलिप्तता से जुड़े विषय पर जांच करने के लिए प्रतिबद्ध है. अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने पिछले साल नवंबर में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू को मारने की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था. अभियोजकों ने कहा था कि निखिल गुप्ता भारतीय कर्मचारियों के साथ मिलकर पन्नू को मारने की साजिश किया था।
सांसद ने ड्रोन डील को लेकर क्या कहा?
80 वर्षीय सीनेटर ने ड्रोन सौदे को लेकर कहा मैं अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों के लिए इस बिक्री के महत्व से पूरी तरह परिचित हूं. मैंने भारतीयों से जुड़ी हत्या की साजिश को लेकर प्रशासन के अधिकारियों को लगातार अपनी चिंताओं से अवगत कराया है. उन्होंने आगे कहा कि यूएस-भारत साझेदारी इंडो-पैसिफिक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें क्वाड जैसे क्षेत्रीय तंत्र भी शामिल हैं।
अमेरिकी सांसद ने कहा- जब तक साझेदारी आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित है तब तक मैं भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने का समर्थन करता हूं. कार्डिन ने कहा, वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की वकालत करना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।