यरुशलम। हमास और इस्राइल बीते छह महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल हमास को खत्म करने का संकल्प के साथ गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। उधर, गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इस्राइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच हमास मध्यस्थता वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गया है। उसने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ मिस्र में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का ऐलान किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, समूह के एक प्रमुख शख्स खलील अल-हय्या प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
हमास के बयान ने एक बार फिर बातचीत के प्रति संगठन के सकारात्मक रुख को दोहराया है। बयान में कहा गया है, हम एक समझौते पर पहुंचने के लिए मिस्र जा रहे हैं। हम हमास और फलस्तीनी प्रतिरोध बलों में एक समझौते पर पहुंचे के लिए दृढ़ हैं। हमले की समाप्ति, बंधकों की वापसी, विस्थापितों की वापसी, राहत और पुनर्निर्माण और एक गंभीर विनिमय सौदे के लिए हमारे लोगों की मांगों को पूरा करता है।
इधर, व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरिन जीन पियरे ने दक्षिणी शहर राफा में संभावित बड़े सैन्य अभियानों के संबंध में इस्राइल को चेताया है। जीन-पियरे ने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लोगों के जीवन की रक्षा हो। हमें विश्वास है कि इस्राइल सरकार हमारी चिंताओं को ध्यान में रखने जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने इस्राइल और हमास दोनों से आग्रह किया है कि वे दोनों एक समझौते पर पहुंचने को प्राथमिकता दें। सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में गुटारेस ने संघर्ष को बढ़ने से रोकने के लिए बातचीत के जरिए समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही कहा, ‘गाजा के लोगों, बंधकों और उनके परिवारों, क्षेत्र और व्यापक दुनिया की खातिर मैं इस्राइल सरकार और हमास नेतृत्व को उनकी वार्ता में एक समझौते पर पहुंचने के लिए दृढ़ता से प्रोत्साहित करता हूं।
हमास ने सात अक्टूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 34,622 लोगों की मौत हो चुकी है।