रियो डी जनेरिया. ब्राजील के दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल में भारी बारिश से मरने वालों की संख्या शुक्रवार रात बढ़कर 37 हो गई और 74 लोग अब लापता हैं. अधिकारियों ने इसे इतिहास की सबसे भीषण आपदा बता रहे हैं. बता दें कि ब्राज़ील का दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल भारी बारिश और भूस्खलन के विनाशकारी प्रभावों से जूझ रहा है.
फिलहाल बचाव अभियान तेजी से चल रहा है औऱ ध्वस्त घरों, पुलों और सड़कों के मलबे के बीच फंसे लोगों का पता लगाने के लिए बचावकर्मी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. वहीं गवर्नर एडुआर्डो लेइट ने आपातकाल की स्थिति की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि हम हमारे इतिहास में सबसे खराब आपदा से निपट रहे हैं. गवर्नर ने अफसोस जताया कि मरने वालों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है.
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने स्थानीय अधिकारियों से मिलने और अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए गुरुवार को राज्य का दौरा किया था. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, इस बारिश से प्रभावित हुए लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारी सरकार हरसंभव कोशिश करेगी. एजेंसी ने बताया कि बारिश के कारण 10,000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर जाना पड़ा. सोमवार को शुरू हुई बारिश के अभी जारी रहने के आसार हैं.
बचाव और राहत कार्यों में सहायता के लिए 626 सैनिकों के साथ 12 विमानों, 45 वाहनों और 12 नौकाओं को तैनात करके संघीय सहायता पहले ही जुटाई जा चुकी है. सड़कों को साफ करने, भोजन, पानी और गद्दे जैसी आवश्यक आपूर्ति वितरित करने और विस्थापित व्यक्तियों के लिए आश्रय स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
वहीं खतरे की चेतावनी भी जारी की गई है, क्योंकि राज्य की मुख्य गुइबा नदी खतरनाक स्तर तक पहुंचने की आशंका है, जिससे मौजूदा संकट और बढ़ जाएगा. पूरे समुदाय का संपर्क टूट गया है, लगातार बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हुआ है. वहीं अधिकारियों को निवासियों से नदियों और भूस्खलन के प्रति संवेदनशील पहाड़ियों के पास जोखिम वाले क्षेत्रों को खाली करने का आग्रह किया है. बता दें कि विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन दक्षिण अमेरिका के सबसे बड़े देश में होने वाली मौसम की घटनाओं के पैटर्न का हिस्सा हैं.