मांट्रियल। भारत और कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनाव बना हुआ है। इससे संबंधों में कहीं ने कहीं खटास आ रही है। इस बीच कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने दोनों देशों के बीच संबंधों को दशकों पुराने मुद्दों के रूप में वर्णित किया है जो दुर्भाग्यपूर्ण अपराधों और कनाडा की भूमि से उत्पन्न खतरों के साथ फिर से उभर आए हैं।
वर्मा ने कहा, दोनों देशों की सरकारों के बीच कूटनीतिक माध्यमों से बातचीत चल रही है। दोनों पक्षों की परेशानियों के समाधान खोजने की कोशिश हो रही है। जिस तरह से बातचीत चल रही है, मुझे लगता है कि दोनों पक्षों के मुद्दे हल हो जाएंगे। मेरी चिंता राष्ट्रीय सुरक्षा और कनाडा से उभर रहे खतरे हैं। ये खतरे काफी हद तक कनाडाई नागरिकों की ओर से हैं। हम किसी भी दिन बात करने के लिए तैयार हैं और हम ऐसा कर रहे हैं। हम इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारतीय उच्चायुक्त ने दोनों देशों के बीच वर्तमान संबंधों पर कहा, यदि विदेशों में रहने वाले भारतीय भारत के भाग्य का फैसला करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि वापस जाएं और चुनाव प्रक्रिया में भाग लें। हर पांच साल में भारत में राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव होते हैं। इसी तरह भारत के राज्यों में भी चुनाव होता है।
उन्होंने कहा, जब हम द्विपक्षीय संबंधों में दो देशों को रणनीतिक साझेदार और मित्र कहते हैं तो हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझें। दुर्भाग्य से कुछ मुद्दे रहे हैं और यह कोई नई बात नहीं है। दशकों पुराने मुद्दे फिर से उठे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अपराध करने वाले वह कनाडाई नागरिक हैं, जो भारत से संबंध रखते हैं। राजदूत ने कहा कि भारत में दोहरी नागरिकता नहीं है। अगर किसी भारतीय को कनाडा की नागरिकता दी जाती है तो साफ है कि वह एक विदेशी है।