नई दिल्ली । इजराइल-हमास जंग को 4 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन इजराइल फिलिस्तीन के बीच स्थिति समान्य होती नजर नहीं आ रही है, गाजा ही नहीं इजराइल वेस्टबैंक में रह रहे फिलिस्तीनियों के खिलाफ भी कई कदम उठा रहा है।
इजराइली मीडिया ‘चैनल 13’ के मुताबिक, इजराइल सरकार ने रमजान के दौरान मस्जिद अल-अक्सा में फिलिस्तीनियों की एंट्री को सीमित करने का फैसला किया है।
हाल ही में इजराइल के दक्षिणपंथी नेता और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गविर ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रमजान के महीने में 70 साल से कम उम्र वाले फिलिस्तीनियों को मस्जिद अल-अक्सा में आने से रोकने की गुजारिश की थी. इजराइली मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दक्षिणपंथी नेता की ये मांग मान ली है. हालांकि इजराइली मीडिया ने ये भी बताया है कि अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
“फैसले से बढ़ सकता है तनाव”
रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल की इंटरनल सिक्योरिटी एजेंसी ‘शिन बेट’ ने चेतावनी दी है कि इस तरह का कोई भी कदम तनाव को बढ़ावा देगा, खासतौर पर 48 के कब्जे वाले इलाकों में. चैनल ने बताया कि मंत्री योव गैलेंट और कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज ने नेतन्याहू के इस फैसले का विरोध किया है, उनका मानना है कि इसमें सुरक्षा प्रतिष्ठान को दरकिनार करने के वजह से गलतियां होंगी।
अल-अक्सा में झड़पें
अल-अक्सा कंपाउंड हमेशा से इजराइली बलों और फिलिस्तीनियों के बीच झड़पों का केंद्र रहा है. फिलिस्तीनी अल-अक्सा में जबरन इजराइली सेटलर्स के दाखिल होने का विरोध करते आएं हैं. रमजान के महीने में अल-अक्सा को संवेदनशील साइट के रूप में देखा जाता है।
अमेरिका ने जताई चिंता
द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट में बताया गया है कि बेन-गविर की मांग पर बाइडेन प्रशासन ने अपनी चिंता जाहिर की है. बाइडेन प्रशासन का कहना है कि मंत्री रमजान के महीने में होली साइट में तनाव पैदा कर सकते हैं और ये कदम मध्यपूर्व में बढ़ते गुस्से को और भड़का सकता है।