नई दिल्ली । मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. देश के हालात ऐसे हो चुके हैं कि उनकी सरकार कभी भी गिर सकती है. विपक्ष ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वो सही वक्त के इंतजार में है
समय आने पर मोहम्मद मुइज्जू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू सरकार से मतभेदों की वजह से रविवार को सत्ता पक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच संसद में झड़प हुई थी।
संसद में हुई झड़प के बाद से विपक्ष लगातार मोहम्मद मुइज्जू सरकार पर हमलावर है. मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की योजना पर काम कर रही है. ये योजना संसद में हंगामे के बाद बनाई गई है. खबर है कि मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी ने डेमोक्रेट के साथ मिलकर प्रस्ताव के लिए जरूरी समर्थन हासिल कर लिया है. इसके बाद अब विपक्ष की एकजुटता को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि मोहम्मद मुइज्जू सरकार के लिए इस संकट से पार पाना आसान नहीं होगा।
विपक्ष ने दी पीएम मोदी से माफी मांगने की सलाह
मालदीव के विपक्षी नेता अब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने की सलाह दी है. मालदीव जम्हूरी पार्टी के नेता कासिम इब्राहिम ने मोहम्मद मुइज्जू से कहा है कि उन्हें भारत के साथ अपने रिश्ते अच्छे करने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को अपनी चीन की यात्रा के बाद दिए गए बयानों पर भारत के लोगों और प्रधानमंत्री मोदी से माफी मांग लेनी चाहिए, क्योंकि इससे केवल मालदीव को ही नुकसान होगा।
भारत से कैसे खराब हुए मालदीव के रिश्ते?
मालदीव में सरकार बनने के साथ ही चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू भारत के साथ अपने संबंधों को तल्ख तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे. सबसे पहले उन्होंने भारत को अपनी सेना की टुकड़ी को वापस बुलाने को कहा. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव से तुलना और मोहम्मद मुइज्जू के मंत्रियों की बयानबाजी ने तल्खी और बढ़ा दी. इस पर भारतीयों द्वा्रा मालदीव की यात्रा कैंसल करने से उसे भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. इसके अलावा चीनी जासूसी जहाज की मालदीव यात्रा को लेकर दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ गई।