नई दिल्ली । भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने एक बार फिर पीठ पर छुरा घोंपने वाला काम किया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपना परम मित्र बताने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ नई साजिश रची है।
मित्र राष्ट्रों के जहाजों का स्वागत
उन्होंने चीन के जासूसी जहाज को अपने क्षेत्र में घुसने की इजाजत दे दी। भारत से तनावपूर्ण संबंधों के बीच मालदीव ने चीनी जहाज के माले आने की पुष्टि करते हुए कहा कि मित्र राष्ट्रों के जहाजों का स्वागत है। चीनी जहाज के कुछ हफ्तों में मालदीव पहुंचने की संभावना है। इसने भारत की चिंता बढ़ा दी है भारत की चिंता इसलिए भी गंभीर है क्योंकि पिछले साल चीन ने अपने जासूसी जहाज को श्रीलंकाई धरती पर उतारा था, तब भी काफी बवाल हुआ था।
चुनाव से पहले भारतीय सेना की आलोचना की
मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से मोहम्मद मुइज़ू के उठाए कदम भारत के खिलाफ ही रहे हैं। मालदीव का सर्वेसर्वा बनने से पहले उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय सेना की आलोचना की थी और जीतने पर भारतीय सेना को देश से बाहर करने का वादा भी किया था। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने किया भी ऐसा ही। मुइज्जू सरकार ने भारत को सेना के वापस चले जाने के लिए 15 फरवरी तक का वक्त दिया है। इतना ही नहीं मालदीव की परंपरा को तोड़ते हुए मालदीव के राष्ट्रपति भारत न जाकर चीन दौरे पर गए। इसी महीने मुइज्जू ने शी जिनपिंग से मुलाकात की थी, यह उनकी पहली राजकीय यात्रा भी थी।
एक स्वतंत्र खुफिया शोधकर्ता और ओपन सोर्स डेटा के अनुसार, एक चीनी जासूसी जहाज के जल्द ही मालदीव पहुंचने की संभावना है। बता दें कि चीनी जासूसी जहाज पिछले साल श्रीलंकाई धरती पर उतरा था, जिसके बाद चीनी जहाज पर भारत की जासूसी करने के आरोप भी लगे थे। चीन ने इस बार मालदीव के सहारे भारत पर निशाना साधने की कोशिश की है।
चीन के पास रिसर्च और जासूसी क्षेत्रों में जहाजों का सबसे बड़ा बेड़ा
चीन के पास रिसर्च और जासूसी क्षेत्रों में जहाजों का सबसे बड़ा बेड़ा है, जिसके बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैज्ञानिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करने में सक्षम है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी पोत जियांग यांग होंग 03 “हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है और माले की ओर कदम बढ़ा चुका है। उधर, मालदीव ने भी पुष्टि कर दी है कि चीनी जहाज को उसने अपने क्षेत्र में आने की इजाजत दे दी है। मालदीव ने आधिकारिक बयान में कहा कि मित्र राष्ट्र चीन का उसके क्षेत्र में स्वागत है। उधर, हिन्द महासागर में चीन की उपस्थिति ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।
चीनी जहाज कब निकला और कब पहुंचेगा मालदीव
शिपस्पॉटिंग पोर्टल Marinetraffic.com के आंकड़ों के अनुसार , जियांग यांग होंग 03 पोत 16 जनवरी को चीनी बंदरगाह से माले के लिए रवाना हुआ था। वर्तमान में जावा सागर में मंडराते हुए जहाज के 8 फरवरी के आसपास मालदीव पहुंचने की उम्मीद है, हालांकि उम्मीद यह भी है कि जहाज 30 जनवरी तक भी पहुंच सकता है।
भारत की चिंता
इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि भारत ने चीन के जासूसी जहाज की यात्रा पर मालदीव के साथ आपत्ति व्यक्त की है या नहीं, लेकिन नई दिल्ली सरकार ने पहले भी ठोस कदम उठाए थे, जब चीनी जहाज ने पड़ोसी देश श्रीलंका का दौरा किया था। रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारतीय नौसेना जहाज की गतिविधि पर नजर रख रही है।