नई दिल्ली । उत्तर कोरिया ने वाशिंगटन, सियोल और टोक्यो के संयुक्त नौसैनिक अभ्यास के जवाब में पानी के अंदर परमाणु हथियार प्रणाली का परीक्षण किया जो पानी के अंदर हमला करने में सक्षम है. उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी द्वारा दिए गए रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, अमेरिका जापान संयुक्त नौसैनिक अभ्यास उत्तर कोरिया की सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल रहा था।
पानी के अंदर परमाणु हथियार प्रणाली का परीक्षण
जिसके जवाब में प्योंगयांग ने कोरिया के पूर्वी सागर में पानी के नीचे परमाणु हथियार प्रणाली ‘हेइल-5-23’ का एक महत्वपूर्ण परीक्षण किया है. पिछले साल की शुरुआत में प्योंगयांग ने कहा था कि उसने पानी के अंदर परमाणु हमला करने वाले ड्रोन के कई परीक्षण किए. जो पानी के अंदर रेडियोऐक्टिव सुनामी ला सकती है।
अमेरिका को जवाब
इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका और जापान ने दक्षिणी जेजू द्वीप के पानी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह अभ्यास उत्तर कोरिया द्वारा हाइपरसोनिक मिसाइल के प्रक्षेपण के जवाब में था. उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी के अनुसार रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह अभ्यास क्षेत्रीय स्थिति को और अधिक अस्थिर करने का कारण है. यह परिक्षण हमारी सेना की पानी के भीतर परमाणु-आधारित जवाबी कार्रवाई को और अधिक बढ़ाया जा रहा है, जिससे अमेरिका को जवाब दिया जा सके।
दक्षिण कोरिया का सैन्य क्षमता को बढ़ाने का ऐलान
हाल के महीनों में दोनों कोरियाई देशों के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंधों में भारी गिरावट देखी गई थी. लेकिन दोनों पक्षों के प्रमुखों ने तनाव कम करने वाले समझौतों को रद्द कर दिया. सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने पिछले सप्ताह दक्षिण कोरिया को अपने देश का “प्रमुख दुश्मन” घोषित कर दिया , साथ ही परमाणु हमले की धमकी भी दी. मौजूदा हालात को देखते हुए दक्षिण कोरिया ने भी अपने सैन्य क्षमता को बढ़ाने का ऐलान कर दिया है।