नई दिल्ली। इस वक्त भारत और मालदीव के रिश्ते तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि, इसी बीच मालदीव के राष्ट्रपति डॉ। मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के 75 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को बधाई और शुभकामनाएं भेजी हैं।
मालदीव के एच.ई. राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा गया है, “नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू ने भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में हार्दिक शुभकामनाएं दीं।”
मोहम्मद मुइज्जू की एंटी इंडिया सोच
भारत और मालदीव के बीच में रिश्ते बीते साल से खराब हैं। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह देश के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत विरोधी नीति है। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार-प्रसार में एंटी इंडिया स्लोगन का इस्तेमाल किया था। उन्होंने इंडिया आउट कैंपेन शुरू की थी, जिसका एक ही मकसद था मालदीव से भारत के प्रभाव को कम करना। मोहम्मद मुइज्जू को इसका फायदा भी मिला और उन्होंने बहुत ही आसानी से पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को हरा दिया।पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को भारत समर्थक माना जाता था।
इस बात से ही मोहम्मद मुइज्जू को परेशानी थी। मोहम्मद मुइज्जू एक चीनी समर्थक नेता हैं। इसका प्रमाण भी देखने को मिला, जब वो राष्ट्रपति बनने के बाद 5 दिन की लंबी यात्रा पर चीन गए थे। वहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और कम-से-कम 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
मोहम्मद मुइज्जू की भारत के प्रति सकारात्मक बातें
हालांकि, ये पहली बार है, जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के प्रति कोई सकारात्मक संदेश दिया है। इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं। सबसे पहले भारत का दुनिया में ऊंचा कद, मालदीव ये अच्छी तरह से जानता है कि भारत के रिश्ते वैश्विक स्तर पर काफी मजबूत है। इसका उन्हें प्रमाण भी मिला, जब पीएम मोदी के लक्षद्वीप वाले पोस्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर मालदीव को तुरंत अपने तीन मंत्रियों को उनके पद से बर्खास्त करना पड़ा। इसके अलावा मुइज्जू को देश के विपक्षी पार्टियों की भी तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा।