नई दिल्ली । पाकिस्तान में चुनावी नतीजों के बाद जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। नवाज शरीफ की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि सबसे ज्यादा सीटें इमरान समर्थित उम्मीदवारों को मिली हैं।
लेकिन वे एक चिह्न पर चुनाव नहीं लड़े। ऐसे में टेक्नीकली नवाज की पीएमएल-एन पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनी, जिसके पास 75 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 133 का है। इमरान समर्थित प्रत्याशियों की संख्या 101 है। इसमें से भी एक निर्दलीय इमरान की पार्टी से अलग हो गया है। ऐसे में अब सरकार बनाने के लिए गठबंधन बनाने की शुरुआत हो गई है। नवाज की पार्टी ने बिलावल की पार्टी ‘पीपीपी’ से मुलाकात की। इस दौरान नवाज की पार्टी की ओर से एक फॉर्मूला सुझाया गया। इसमें तय हुआ कि किस पार्टी से कौन क्या बनेंगा? जानिए क्या है यह फॉर्मूला?
पाकिस्तान में किसी पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला
पाकिस्तान में किसी पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है। ऐसे में गठबंधन की सरकार बनने की कवायदें शुरू हो गई हैं। नवाज शरीफ की पीएमएलएन और बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही है। अब नवाज शरीफ ने ‘सहभागी गठबंधन सरकार’ बनाने का आइडिया दिया है। इसके तहत नवाज के निवास जाति उमरा में गठबंधन को लेकर बैठक हुई। इसमें नवाज सहित उनकी पार्टी के नेता शामिल हुए। इस बैठक के बाद नवाज शरीफ ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान में मौजूदा स्थिति में पीएमएल-एन के समर्थन से ही गठबंधन सरकार बन सकती है। नवाज शरीफ ने कहा कि देश की जनता की भलाई के लिए हम सभी को हाथ मिलाना चाहिए।
गठबंधन सरकार में मिलने वाले पदों पर चर्चा जारी
पीएमएल-एन सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने गठबंधन के लिए जो फार्मूला सुझाया है, उसके तहत पीएम पद पीएमएलएन को मिलना चाहिए। वहीं राष्ट्रपति और स्पीकर पद पीपीपी को मिल सकता है। हालांकि बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी प्रधानमंत्री पद पर दावा जता रही है। इसी वजह से गठबंधन के ऐलान में देरी हो रही है। गठबंधन की अन्य पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान को डिप्टी स्पीकर पद मिल सकता है। पीएमएल-एन गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते वित्त मंत्रालय रख सकती है और अन्य अहम मंत्रालय सहयोगी पार्टियों के खाते में जा सकते हैं। पीएमएल-एन, गठबंधन के इस फार्मूले पर गंभीरता से विचार कर रही है, लेकिन सहयोगी दलों की चर्चा और उनकी रजामंदी के बाद ही इस पर अंतिम फैसला होगा।
कौन हो सकते हैं अहम चेहरे?
माना जा रहा है कि इस फार्मूले में थोड़ा बदलाव भी हो सकता है। अगर इस फार्मूले में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ तो पाकिस्तान की सत्ता में नवाज शरीफ, उनके भाई शहबाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी, बिलावल भुट्टो जरदारी, डॉ. खालिद मकबूल सिद्दीकी, मौलाना फजलुर रहमान, चौधरी शुजात हुसैन प्रमुख चेहरे हो सकते हैं।