नई दिल्ली । रूस ने सोमवार को पश्चिमी देशों पर उन समझौतों को तोड़ने का आरोप लगाया, जो यूक्रेन में युद्ध को रोक सकते थे। वहीं अमेरिका और उसके सहयोगियों ने सीधे तौर पर मास्को पर दोष मढ़ते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने छोटे पड़ोसी देश पर आक्रमण का आदेश दिया था।
यूक्रेन पर 24 फरवरी 2022 को किए आक्रमण की दूसरी वर्षगांठ से कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने एक बार फिर युद्ध की वजह 2015 के मिन्स्क समझौते को लागू करने में विफलता बताई। इसके लिए उन्होंने पश्चिम देशों द्वारा समर्थित यूक्रेन की गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया। इस समझौते का उद्देश्य यूक्रेन और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच संघर्ष को खत्म करना था, जो अप्रैल 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और अधिकांश रूसी भाषी औद्योगिक डोनबास क्षेत्र में अलगाववादियों को दिए उसके समर्थन के बाद से पैदा हुआ।
जानिए रूस ने क्यों बुलाई यूएन की बैठक?
रूस ने फ्रांस और जर्मनी की मध्यस्थता में मिन्स्क शांति समझौते पर हस्ताक्षर की सातवीं वर्षगांठ पर सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। बैठक में नेबेंजिया ने समझौते को लागू करने से रूस द्वारा इनकार किए जाने के यूक्रेन तथा पश्चिम देशों के दावों को पूरी तरह निराधार बताया। नेबेंजिया ने कहा कि अगर मिन्स्क समझौता लागू हो जाता तो आज यूक्रेन में हुई त्रासदी नहीं होती। ऐसी त्रासदी जिसके लिए अमेरिका और सभी पश्चिमी देश जिम्मेदार हैं। वे यूक्रेन और उसके नागरिकों की कीमत पर अपने भूराजनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने की कोशिश करते हैं।
रूस पर यूएन चार्टर के उल्लंघन का लगाया आरोप
वहीं, अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने रूस पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करके एक संप्रभु राष्ट्र पर आक्रमण करने के बाद इतिहास को फिर से लिखने के अपने प्रयासों में ‘महत्वपूर्ण मिथकों और गलत सूचनाओं’ को सामने रखने का आरोप लगाया। वुड ने परिषद में कहा कि रूस ने मिन्स्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन ”इसमें की सभी प्रतिबद्धताओं को नजरअंदाज” किया। संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के उप राजदूत जेम्स करिउकी ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने दुनिया को दिखा दिया कि पुतिन की ”शांति में कभी दिलचस्पी थी ही नहीं।”
24 फरवरी 2022 को शुरू हुई थी जंग
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 को जंग की शुरुआत हुई थी। शुरुआती दौर में रूस ने यूक्रेन के कई शहरों में भारी तबाही मचाई। हालांकि बाद में अमेरिका और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद देना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही यूक्रेन भी पलटवार करने लगा। यूक्रेन ने रूस की कई मिसाइलों और ड्रोन हमलों को विफल कर दिया। यह जंग 24 फरवरी को दो साल पूरे कर लेगी। लेकिन अभी तक जंग का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।