इस्लामाबाद। पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर कुछ समय से हमले लगातार बढ़ रहे हैं। हमले में अनेक चीनी नागरिक मारे जा चुके हैं। ड्रैगन अपने लोगों के मारे जाने पर गुस्से में है। बताया जा रहा है कि उसने पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई है। अब भारत के पड़ोसी देश ने चीनी नागरिकों की रक्षा के लिए एक नया कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने चीनी नागरिकों को बिना बख्तरबंद वाहन के प्रांत में यात्रा नहीं करने का आदेश दिया है।
पाकिस्तान प्रशासन का स्पष्ट तौर पर कहना है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हाल ही में चीनी नागरिकों को बुलेट प्रूफ वाहन के अलावा किसी भी वाहन में यात्रा करने से एक तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हजारा रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ताहिर अयूब खान ने कहा, ‘हम चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी संभव उपायों को अपना रहे हैं। इन लोगों को सरकार के निर्देशों के अनुसार बिना बख्तरबंद वाहनों के प्रांत में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
बता दें, पाकिस्तान सरकार ने यह फैसला 26 मार्च की घटना को देखते हुए लिया है। दरअसल, चीनी इंजीनियरों के एक काफिले को निशाना बनाया गया था, जो उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में एक बांध परियोजना में काम कर रहे थे। हमले में छह चीनी नागरिक मारे गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले के बेशम इलाके में चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया था। आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार चीनी नागरिकों के काफिले में घुसा दी थी।
एक सप्ताह में तीसरी बार हमला किया गया था। इससे पहले हुए हमलों में पाकिस्तान के नौसैनिक हवाई अड्डे और दक्षिण पश्चिम प्रांत बलूचिस्तान में चीनी निवेश के लिए महत्वपूर्ण एक रणनीतिक बंदरगाह को निशाना बनाया गया था, जो इस क्षेत्र में चीनी परियोजनाओं के लिए बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को दर्शाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच कई चीनी नागरिकों के अपने होटलों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी थी। पुलिस के एक पत्र में उन चीनी नागरिकों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया गया है जो गैर-चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं में शामिल हैं।
पाकिस्तान के गृह विभाग ने यह भी कहा कि बदलाव नहीं होने तक बुलेटप्रूफ वाहनों का इस्तेमाल नहीं करने वाली परियोजनाओं को बंद कर दिया जाएगा। दरअसल, थोड़े दिनों पहले ही पाकिस्तान ने सीपीईसी प्रोजेक्ट में काम कर रहे चीनी नागरिकों को बुलेट प्रूफ वाहन में यात्रा करने की सलाह दी थी।
डीआईजी ने जिला पुलिस अधिकारी शफीउल्लाह गंडापुर के साथ सुकी किनारी और बालाकोट जलविद्युत परियोजनाओं के स्थलों का दौरा किया और कागन घाटी के मलकंडी इलाके में सुकी किनारी परियोजना के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की। उन्होंने मलकंडी और घनूल क्षेत्रों में जलविद्युत परियोजनाओं से संबंधित सुरक्षा बैठकों में भाग लिया। उपस्थित लोगों में दोनों साइटों के सुरक्षाकर्मी, चीनी इंजीनियर और परियोजना प्रबंधक शामिल थे।
ताहिर ने कहा कि चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों की आवासीय कॉलोनियों की चारदीवारी कम से कम आठ फीट ऊंची होगी और कंटीले तारों से भी किलेबंदी की जा सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षाकर्मी हर कीमत पर चीनी इंजीनियरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। डीआईजी ताहिर ने चीनी अधिकारियों पर हमले के बाद पूर्व डीआईजी मोहम्मद एजाज खान को निलंबित कर दिया था।