पालघर:पालघर में शुक्रवार कों जल ,जंगल और जमीन के रखवालों ने धूमधाम से विश्व आदिवासी दिवस को मनाया|इस दिवस को मानाने के लिए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से महिला – पुरुष,युवक – युवती और बच्चें अपने वेषभूषा में कई हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे|पालघर शिवाजी महाराज चौक से गाजे बाजे और डीजे के धुन के साथ सामूहिक नृत्य करते शुरू हुई दोनों सांस्कृतिक रैलीयां पालघर पंचायत समिति और हुत्तामा स्तंभ पर सभा में तब्दील हो गयी और भाषण बाजी के बाद यह समाप्त हुई|इस दौरान जय जोहार, जय आदिवासी और आदिवासी समाज के भगवान माने जाने वाले बिरसा मुंडा की जयकारों से पालघर की सड़के गुज उठी |
वही विश्व आदिवासी दिवस पर निकले वाली सांस्कृतिक रैलीयों और बड़ी संख्या में होने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने पालघर –बोईसर , पालघर – मनोर ,समेत पालघर शहर की कई सडको को बंद कर उसके रूट बदल दिए थे|
बतादे की पालघर जिला एक आदिवासी बाहुल्य जिला है|आदिवासी समाज के उत्थान के लिए ठाणे जिला से अलग कर1अगस्त 2014 में पालघर को नया जिला बनाया गया था|आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण पालघर में प्रति वर्ष इस दिवस को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है|इस दिन को डीएम द्वारा छुट्टी का दिवस घोषित कर दिया जाता है |