संजय सिंह ठाकुर / पालघर : पालघर जिले के डहाणू तहसील में स्तिथ लीलकपाडा समेत 18 प्रायमरी स्कूल के मासूम छात्रों और उसके अध्यापक इस वर्ष सीड बॉल्स से वृक्ष के लाखों पौधे लगाएंगे | इसके लिए इन प्रायमरी स्कूल के मासूम छात्रों ने तीवर, नीम ,आम , सागौन , रक्त चंदन समेत विभिन्न प्रकार के पेड़ों के बीज एकत्र कर एक लाख 17 हजार सीड बॉल्स तैयार किया है|बारिश में इन सीड बॉल्स का उपयोग डहाणू तहसील के आसपास वन क्षेत्रों में पौधे उगाने के लिए किया जाएगा|इसके लिए प्रायमरी स्कूल के एक अध्यापक दिपक देसले नें पर्यावरण की रक्षा करने का बीड़ा उठाया है |
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पर्यावरण प्रेमी दिपक देसले ने कहा की वृक्ष मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी और मानव जीवन का आधार हैं | वृक्ष हमें प्राणवायु आक्सीजन देने के साथ-साथ जल संरक्षण, वायु संरक्षण, मृदा संरक्षण आदि में भी महत्वपूर्ण योगदान निभाते हैं | वृक्ष जंगली जीवों के लिए वन के रूप में आश्रय प्रदान करते हैं, जो प्राकृतिक संतुलन के लिए बेहद आवश्यक है | लेकिन फिर भी आज मनुष्य नए-नए आविष्कारों की चाहत में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा हैं|वर्तमान समय में पर्यावरण का संतुलन बड़े पैमाने पर बिगड़ रहा है, और यदि समय रहते हम इसके प्रति जागरूक नहीं हुए तो भविष्य में मानव को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | इसलिए पर्यावरण का संरक्षण आज के समय की मांग बन गया है |
वही वैश्विक महामारी कोरोना काल मे ऑक्सीजन के लिए जिस तरह लोंग भटक रहे थे,और ऑक्सीजन के आभाव में लोगों नें तड़प कर दम तोडा , गर्मी में पेड़ की छांव के लिए लोगों की तलाश को देखकर हमनें महसूस किया कि पेड़ लगाना नहीं, पेड़ों को जिंदा रखना और उसे बड़ा करना बहुत जरूरी है | इससे प्रेरणा लेते हुए हमने तीन साल पहले अधिक से अधिक पेड़ उगाने का बीड़ा उठाया है | इस वर्ष 18 प्रायमरी स्कुल के शिक्षक और छात्र भी अब हमारे साथ इस काम के लिए जुड़ गए है | स्कूल के मासूम बच्चो के साथ गांव के सरपंच ,ग्रामवासियों और पर्यावरण प्रेमीयों का भी साथ मिल रहा है |
दिपक देसले अपने जिला परिषद स्कूल के विद्यार्थियों को पौधारोपण का महत्व समझाते हुए पिछले तीन वर्षों से अपने छात्रों के साथ मिलकर इन सीड बॉल्स को बनाने का काम कर रहें है | पिछले साल उन्हों नें अपने विद्यार्थियों के सहयोग से 23 हजार सीड बॉल्स बनाया था और इस साल अपना पिछला रिकार्ड तोड़ते हुए एक लाख 17 हजार से ज्यादा सीड बॉल्स बनाया है | इन सीड बॉल्स को तैयार करने में रेतीली मिट्टी, चीकू के बगीचे की मिट्टी, गोबर और विभिन्न पौधों के बीजों का इस्तेमाल किया गया है | बरसात होने के बाद इन सीड बॉल्स का उपयोग डहाणू तहसील के आसपास वन क्षेत्रों में पौधे उगाने के लिए किया जाएगा.