नई दिल्ली । देश के खदानों की नीलामी के मानचित्र में पहली बार बिहार के खदानों की सूची को भी शामिल किया गया है। इसमें बालू से इतर ग्लूकोनाइट, निकेल, क्रोमियम और प्लैटिनम ग्रुप एलिमेंट के बिहार में खोजे गए तीन खदानों को शामिल किया गया है। इस पहल से राष्ट्रीय स्तर पर इन खादानों को विकसित करने की कवायद शुरू होगी। यह जानकारी बिहार सरकार से डिप्टी सीएम सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिहार की दिल खोलकर सहायता कर रही है। यह भी कहा कि नीतीश सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
बड़ी संख्या में रोजगार का भी सृजन होगा
केंद्र सरकार के इस खनन ईको सिस्टम की रूपरेखा से बिहार में खनन क्षेत्र में राजस्व की वृद्धि होने के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार का भी सृजन होगा। खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के स्तर से खनन एवं उत्खनन विषय पर हैदराबाद में इसी वर्ष 20 जुलाई (शनिवार) को हेकाथन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बिहार में नए पदार्थों के खनन पर खासतौर से चर्चा की जाएगी। विभागीय मंत्री ने कहा कि खदान नीलामी मानचित्र में पहली बार बिहार का प्रवेश होना गौरव की बात है।
8 क्रिटिकल खदानों में 3 बिहार के भी शामिल
हैदराबाद में आयोजित हेकाथन में देश के 8 क्रिटिकल खनिज ब्लॉक के लिए बोली लगाने वालों की भी घोषणा होगी। इनमें 3 ब्लॉक बिहार के हैं। इनमें ग्लूकोनाइट, निकेल, क्रोमियम और प्लैटिनम ग्रुप एलीमेंट के खान हैं। इसके बाद चयनित कंपनियां इन्हें विकसित करने को लेकर कवायद शुरू करेंगी। आने वाले समय में बिहार के खनन परिदृश्य में आमूल-चूल परिवर्तन होने जा रहा है।
खनन से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा
खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार ने खनन नियमावली में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। इसका उद्देश्य खनन से जुड़े निचले स्तर के उद्योगों को बढ़ावा देना, खनिज उत्खनन तथा उत्पादन में वृद्धि के साथ ही रोजगार सृजन करना है। दूसरी तरफ बिहार सरकार भी खनन क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन लाने में जुटी है। अवैध खनन पर अंकुश के साथ राज्य में वृहद एवं क्रिटिकल खनिजों के औद्योगिक विकास के लिए हम केंद्र सरकार से सहयोग प्राप्त करने में जुटे हैं।