आइजोल। कुल्हाड़ी से बाघ को एक वार में मारने वाली महिला ने दुनिया को अलविदा कह दिया। दरअसल लालजाडिंगी ने 24 साल की उम्र में अपनी कुल्हाड़ी से बाघ को मार गिराया था। उन्हें बहादुरी के लिए 1980 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उन्होंने बांग्लादेश सीमा के पास दक्षिण मिजोरम के लुंगलेई जिले में अपने पैतृक गांव बुआरपुई में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं। उनके पांच बच्चे और एक पोता है। पारिवार ने बताया कि लालजाडिंगी का अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर उनके पैतृक गांव में किया गया। मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने भी लालजाडिंगी की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया।
बता दें, लालजाडिंगी की बाघ से मुठभेड़ 3 जुलाई 1978 को उनके गांव से कुछ ही दूर लकड़ियां बीनने के दौरान हुई थी। इस बारे में लालजाडिंगी ने बताया था, मैं लकड़ी चीर रही थी, झाड़ी के पीछे से एक बड़ा बाघ दिखाई दिया। वह मेरे करीब आ गया। मुझे सोचने का समय नहीं मिला। मैंने अपनी कुल्हाड़ी से बाघ के माथे पर हमला कर दिया। इस वीरतापूर्ण कार्य ने लालजाडिंगी को देश-दुनिया में विख्यात कर दिया था। उनके इस साहसिक कार्य को कई वर्षों तक मिजोरम के प्रारंभिक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था। अगस्त 2021 में जाडिंग को कोलन कैंसर का पता चला था।